मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है मुझे यह आंटी बहुत अच्छी लगती थी। उनकी फ़ीगर 38-30-38 है। चूतड़ो का पूछो मत, मोटी मोटी जांघे मोटे मोटे बड़े-2 चूतड़ ! जब जब वो चलती थी तो उनके बड़े-2 चूतड़ हिलती रहती। जब जब मैं आंटी के बड़े-2 चूतड़ो को देखता मेरा सात इन्च लम्बा तीन इन्च मोटा लण्ड जोश में आ कर तन जाता था। आंटी बहुत ही सेक्सी थी। बेचारी आंटी अंकल के काम की वजह से मस्ती भी नहीं करती थी। उसके पति फौजी थे, अक्सर बाहर ही रहते थे।
एक दिन मैं उनके घर गया, अनीता आंटी अकेली थी। मैंने आंटी से पूछा कि सब लोग कहाँ है?
आंटी ने जवाब दिया कि अंकल का तो तुमको पता ही है और सभी बच्चे मामा के घर गये हैं। आज रात को नहीं
आयेंगे।
फिर मैंने आंटी को कहा- ओके आंटी, मैं चलता हूँ।
आंटी ने मुझे रोक लिया और कहा- अभी रुक जाओ, मुझे नहाना है, तब तक तुम मेरे घर का ख्याल रखना। मैं अभी नहा कर आती हूँ।
आंटी नाइटी में थी, गुलाबी नाइटी में उनके वक्ष बड़े सेक्सी लग रहे थे, बोली- तू मेरा पी सी भी ठीक करके जाना खराब है !
मुझे नहीं पता था कि आंटी भी पी सी चलाना जानती हैं। मैं रुक गया आंटी नहाने चली गई।
मैं इनके बेडरूम में आंटी का इन्तज़ार कर रहा था कि अचानक मेरी नज़र बेड पर पड़ी, बेड पर तौलिया, पैंटी और ब्रा पड़ा था। ब्रा और पैंटी बहुत बड़ी थी। तकरीबन 15 मिनट बाद आंटी ने आवाज़ दी और कहा- तौलिया दे दो मुझे।
मैंने आंटी को तौलिया दिया फिर आंटी ने कहा- प्लीज़ मेरी पैंटी और ब्रा भी दे दो।
मैंने आंटी को पैंटी और ब्रा भी दे दी। अब आंटी नहा कर निकली। आंटी ने सफ़ेद रंग का सूट पहना हुआ था। आंटी की काली ब्रा नज़र आ रही थी। अब मैंने आंटी को कहा- आंटी अब मैं चलता हूँ। आंटी ने कहा- तुम्हें कुछ काम से जाना है क्या?
मैंने जवाब दिया- नहीं !
फिर आंटी ने मुझे कहा- रुक जाओ ! मैं अकेली बोर हो जाऊंगी। कुछ बातें वगैरह करते हैं।
मैं बैठ गया और आंटी अपनी लाइफ़ के बारे में बता रही थी। अब आंटी कुछ खुल कर बातें करने लगी।
मेरे से पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ़्रेंड्स हैं या नहीं, कभी सेक्स किया
है या नहीं। मैं ऐसी बात सुन कर हैरान हो गया। अब मैं भी खुल गया था। मैंने आंटी से पूछा- आंटी, आप को सेक्स पसंद है?
आंटी ने जवाब दिया- सेक्स हर किसी को पसंद होता है पागल।
क्या तुम्हें पसंद नहीं है आंटी ने कहा?
मैंने जवाब दिया- कभी किया ही नहीं है।
आंटी ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे मालूम है, तुम बहुत बुरे हो ! तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और वंदना को भी, मुझे सब पता है और तुमने उन पर कहानी भी लिखी, मैंने भी तुम्हारी कहानी कल रात को पढ़ी थी और मेरी चूत गीली हो गई थी, जी करता था कि तुमको रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर पर थे। झूठ बोलता है, तूने अपना मोबाइल नम्बर भी दे रखा है, लेकिन मैंने सोचा जब घर आओगे तब ही बात करूंगी तुमसे। तेरी मौसी को बोलना पड़ेगा कि तेरा विवाह कर दे।मैं अचानक डर गया।
आंटी ने कहा- डरो मत, मैं कुछ नहीं केहूँगी ! मैंने तो तुमको नंगा भी देखा है।
मैंने आंटी से पूछा- केब देखा आप ने मुझे नंगा?
आंटी ने जवाब दिया- जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे। मैंने कुछ नहीं कहा। मेरी भी चूत प्यासी है क्या अपनी आंटी की प्यास नहीं बुझाओगे? कहानी में तो लिख रखा है गुलाम हाज़िर है, अब चुप क्यों बैठे हो? अब बोलो, बुझायेगा मेरी चूत की प्यास तुम्हारा लण्ड ?
मैं अनीता आंटी की बातों से मन ही मन खुश हो रहा था, सोचा नहीं था कभी कि आंटी खुद तैयार हो जायेगी। मैं उनसे डरता भी था क्योंकि वो बहुत गुस्सेवाली है।
आंटी ने अब अपना हाथ मेरे लण्ड पर रखा तो मुझे तब बहुत अच्छा लगा। मेरी आंटी बहुत प्यासी थी वो बिल्कुल गोरी थी। उनकी उमर ३७ की थी लेकिन अभी भी बिल्कुल जवान लगती थी। ज़िंदगी में आज पहली बार ३७ साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था।
अब आंटी ने मुझसे कहा- अपनी पैंट उतारो ! मैं भी देखूँ तुम्हारा प्यारा सा लण्ड।
मैंने अपनी पैंट उतार दी। मैंने उस दन अंडरवियर नहीं पहना हुआ था। मैं अब नीचे से नंगा था। आंटी मेरे पास आई और मेरी शर्ट भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। आंटी को मेरा लण्ड बहुत अच्छा लगा। आंटी ने मेरा हाथ अपने वक्ष पर रखा और कहा- “दबाते रहो प्लीज़।”
मैंने खूब दबाये आंटी के स्तन। आंटी को मज़ा आ रहा था। फिर आंटी ने अपनी कमीज़ उतारी फिर सलवार उतारी। फिर मेरे लण्ड को चूसने लगी। फिर मैं आंटी की ब्रा खोलने की कोशिश कर रहा था तो आंटी मुस्करा कर बोली- बेटा, मैं खोल देती हूँ।
फिर आंटी ने ब्रा खोल दी और पैंटी भी उतार दी। अब आंटी का गोरा गोरा जिस्म मेरे सामने पूरा नंगा था।
आंटी ने अपने बड़े बड़े स्तन मेरे लण्ड पर रख दिये और अपने वक्ष से मुझे चुदाई का मज़ा दे रही थी। कुछ देर बाद मैं आंटी की चूत को चाटने लगा। आंटी की सेक्सी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी- आआआआह्हहह्हह्ह ऊऊऊह्ह्हह बेटा आआआह्हह्हह्हह्हह ज़ोर से बेटा आआआह्हह्हह्हह्ह तेरी आंटी प्यासी है मेरी प्यास बुझा दे बेटा। आआआअह्हह्हह्ह।
आंटी ने कहा- अब अपना लण्ड मेरी चूत में डालो ! प्यासी है मेरी चूत, प्यास बुझाओ जल्दी।
मैंने आंटी की दोनों टांगों को अपने हाथों से अपने कंधों पर रखा और चूत पर लण्ड रखा।
आंटी की चूत टाइट हो रही थी। मैंने हल्का सा धक्का दिया तो आंटी की चीख निकल गई और आंटी ने कहा- आराम से डालो ! क्या जल्दी है तुमको?
मैंने कहा- आंटी, अब आराम से डालूँगा।
फिर मैंने हल्के हल्के झटके लगाने शुरु कर दिये। मेरे धक्कों से आंटी को मज़ा आ रहा था। आंटी की आवाज़ें निकल रही थी- ऊओह्हह्ह्ह ऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ हाआआ। और डालो और डाल आज मेरी चूत को मज़ा दे दो प्लीज़। तेज़ करो।
मैंने तेज़ कर दिया।
आंटी ने मुझे बेड पे मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लण्ड के ऊपर अपनी चूत रख दी और ज़ोर-2 से हिलने लगी और चिल्लाने लगी- आह्हह्हह्हह् बेटा बेटा आआआआह्हह्हह्हह्हह्ह मज़ा आ गया तुम्हारा लण्ड अब मेरी प्यास बुझा देगा !
और वो ज़ोर-2 से ऊपर नीचे होने लगी, ऐसे में मेरे लण्ड को भी दर्द हो रहा था। आंटी और मैं दोनों पागल हो गये और मैंने आंटी को उठा लिया और नीचे लिटा कर उनकी टांगें खोल दी antarvasna story और फिर से चुदाई शुरु कर दी, आंटी झड़ने वाली थी। हमको 15-20 मिनट हो गये थे और मेरा भी पानी निकल ने वाला था।
आंटी ने कहा- अंदर ही झाडना ।
मैंने कहा- ठीक है आंटी।
मैंने आंटी को कहा- आंटी, पानी निकल ने वाला है !
आंटी ने कहा- झड़ो बेटा जी भर के झड़ो।
और मैं आंटी की चूत में झड़ने लगा फिर आंटी ने मेरा लण्ड अपनी चूत से निकाल दिया 15 मिनट तक हम नंगे ही बेड पर लेटे रहे।
अब जब भी मौका मिलता है मैं आंटी की प्यास बुझाता हूँ। दोस्तों कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल कर जरुर बताना |