ये कहानी तब की है जब मेरी जॉब लगी थी एक सरकारी बैंक मे।
बैंक मेरे घर से 50 केएम दूर एक छोटे से कस्बे मे था।
मुझे बस से रोज आना जाना होता था।
वो दिन मुझे अच्छी तरह याद है वो मेरे काम का पहला वीक ही था एक लड़का आया।
उसने कहा की कुछ दिन पहले उसने मोबाईल नम्बर अकाउंट से ऐड कराने के लिए एप्लीकेशन दिया था। अभी तक नही हुआ है।
मैने चेक किया तो सच मे ऐड नही हुआ था।
मै बोली कि एक बार फिर दे दिजिए एप्लीकेशन।
वो गुस्सा हो गया की यहीं काम रह गया है अब बार बार आपको एप्लीकेशन दूं और आप उसपर मूंगफली खाएं।
मै नई नई थी तो मुझे कुछ समझ नही आया।
मै बोल दी की आप मैनेजर से मिल लीजिए।
हम बैंक वालो को यही सिखाया जाता है कि कुछ समझ ना आए तो कोई भी फार्म सामने वाले को पकड़ा दो और उसे भरने बोल दो।
कुछ देर बाद वो फिर आया और गुस्सा हो गया की अभी पिछले महीने तो उसने केवाईसी करवाया था फिर केवाईसी करवाने बोल रहा है मैनेजर।
मै बड़े प्यार से बोली सर आज आखरी बार केवाईसी करवा लीजिए मै अभी नई ज्वॉइन की हुं तो मुझे कुछ कम जानकारी है मै लंच टाईम मे आपका काम कर दूंगी।
वो मान गया और एप्लीकेशन लिख केवाईसी करवा लिया और चला गया, मै लंच छोड़ उसका नम्बर एड कर दी।
अब कुछ दिन बाद एक शाम आंधी आ गई और बारिश होने लगी।
मै बस का इंतजार करने लगी।
तभी मैनेजर ने अपनी गाड़ी से मुझे छोड़ने का ऑफर किया, मै थोड़ी झिझकी फिर उसके कार मे बैठ गई।
उसने कार चला दी हम बात करने लगे कुछ ही दूर गए थे की उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया।
मै हाथ हटा दी।
अंधेरा हो चुका था बारिश हो रही थी उसने गाड़ी सड़क किनारे रोक दी और मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा।
मै जल्दी से उसे थपड़ मार दी और गाड़ी का दरवाज़ा खोल भागने लगी वो मेरे पीछे पीछे भागने लगा।
मुझे लगा आज मेरी इज्जत लुट जाएगी।
तभी सामने से रोड के दूसरी तरफ मुझे एक लड़का हल्के हल्के दौड़ते हुए दिखा मै बचाओ बचाओ चिल्लाई।
वो लड़का मुझे देखा और मेरी तरफ आया उसे देख मैनेजर भाग गया और गाड़ी चला चला गया।
लड़का: क्या हुआ?
मै:(रोते हुए) मुझे बचाओ वो मेरे साथ गलत हरकत करना चाहता है।
वो मुझे पहले चुप कराता है।
लड़का: कौन था वो?
मै: मेरे बैंक का मैनेजर है।
लड़का: आप बैंक मे काम करती हैं ना?
मै: हां ।
मै उसे अब गौर से देखती हूं वो वही लड़का था जो उस दिन बैंक मे आया था।
लड़का: आप उसके साथ जाती हैं।
मै: नही मै बस से जाती हूं आज बारिश की वजह से बस लेट थी तो उसने कहा चलने को तो मै जा रही थी।
लड़का: तो अब कैसे जाएंगी।
मै:(रोते हुए) पता नही एक ही तो बस शहर जाती है।
लड़का: रोना बंद कीजिए कोई आस पास रिश्तेदार हैं।
मै: नही।
लड़का: किसी को फोन कर लीजिए।
मै: मेरा पर्स और मोबाईल सब उसकी गाड़ी मे छूट गया। आपके पास फोन है क्या?
लड़का: नही मेरा फोन तो घर पर है, मै बारिश मे दौड़ने निकला तो फोन घर छोड़ दिया।
लड़का: आपको कोई दिक्कत ना हो तो आप मेरे घर चल सकती हैं।
मै थोड़ी सोचने लगी।
लड़का: आप भरोसा कर सकती हैं, सारे लड़के एक जैसे नही होते।
मै: ठीक है।
मै उसके साथ चलने लगी कुछ 3 केएम पैदल चलने पर उसका घर आ गया, वो एक दूसरा कस्बा था।
रास्ते चलते हुए उसने बताया कि उसका नाम अंशु है उसका घर दूसरे कस्बे मे है।
हम उसके घर पहुंच गए।
उसने दरवाज़ा खोला।
मै: दरवाज़ा बाहर से बंद है घर मे कोई नही है क्या?
अंशु: हां ये मेरा घर है मै यहां अकेला रहता हूं मेरे घर वाले मेरे असली गांव के घर मे रहते हैं।
मै थोड़ी डर रही थी।
अंशु: डरने की कोई बात नही है आप अन्दर आईए ये मेरा मोबाईल लीजिए और अपने घर फोन कर बता दीजिए।
मै अपनी बहन को फोन करती हूं और उसे कहती हूं कि आज मेरी बस छूट गई मै किसी फ्रेंड के यहां हुं।
लड़का: अब आप मेरी फोटो आधार कार्ड अपनी बहन को भेज दीजिए। ताकि आपके साथ कुछ गलत हो जाए तो वो मुझे पकड़ सके।
मै: अरे नही उसकी कोई जरुरत नही है।
लड़का: नही सेफ्टी के लिए करना चाहिए। किसी पर आंख बंद कर भरोसा नही करना चाहिए।
वो फोटो खींच भेज देता है।
मै अब अपने फोन पर फोन करने लगी तो वो मना कर देता है।
अब वो मुझे टॉवेल देता है और कुछ कपड़े देता है पहनने को। हम दोनो भीग चूके थे।
मै बाथरूम जा कपड़े बदल लेती हूं ।
मै उसका शर्ट और ट्राउजर पहने थी।
अब वो बाथरूम चला जाता है।
मै घर मे घूमने लगी ये एक 2बीएचके नया बना हुआ घर था घर के पीछे कुछ जमीन खाली थी जिसमे पेड़ पौधे लगे थे।
मै हाल मे बैठ गई। वो बाहर आया और काफी बना मुझे दिया।
हमने काफी पी अब वो खाना बनाने चला गया।
मै थोड़ी मदद की उसकी।
अब हम खाना खा लिए।
अंशु:अब आप उस कमरे मे सो जाइए, कल चल कर पुलिस कंप्लेन कर देंगे।
मै मना करने लगी कंप्लेन करने से तो वो कहने लगा कि आप जैसी लड़कियों की वजह से ही बुरे लोगों की हिम्मत बढ़ जाती है।
मै बोली की बहुत बदनामी होगी,।
उसने कहा कि गलत काम उसने करने की कोशिश कि है तो बदनामी आपकी कैसे होगी।
कुछ देर बाद मै कंप्लेन के लिए मान गई।
अगले दिन मै उसके साथ बाईक से जा पुलिस कंप्लेन कर दी मै बैंक नही जाना चाहती थी लेकिन अंशु मुझे ले गया वहां मैनेजर भी था और मुझे देख शैतानी मुस्कान दे रहा था।
मै काफी डर रही थी तभी मेरे पीछे से अंशु आया और मैनेजर के केविन मे घुस उसका कॉलर पकड़ते हुए बाहर खींच लाया।
सभी गार्ड बैंक स्टॉफ अंशु को पकड़ने लगे तभी पीछे से पुलिस आ गई और मैनेजर को पकड़ ली।
किसी को कुछ समझ नही आ रहा था।
थानेदार ने अंशु से हाथ मिलाया।
थानेदार ने मैनेजर की गाड़ी की तलाशी ली तो उसमे मेरा बैग और मोबाईल मिला।
पुलिस वाले उसे कानूनी कारवाई आगे बढ़ाने के तौर पर साथ ले गए।
मेरे पास बिल्कुल भी पैसे नही थे तो अंशु ने मुझे कुछ पैसे दिए तो मै घर चली गई।
घर जा कर मै मां को बताई की मेरे साथ ऐसी घटना हो गई है।
मां रोने लगी। मुझे काम नही करने को कहने लगी मुझे जॉब छोड़ने को कहने लगी।
लेकिन मै जॉब नही छोड़ सकती थी मेरे पापा नही थे मेरी मां, भाई और मेरी बहन ही थे मेरी जिंदगी मे।
मुझे उनकी देखभाल करनी थी अपनी भाई, बहन को पढ़ाना था उसकी शादी करनी थी।
मै कुछ दिन बैंक नही गई। फिर जाने लगी।
मां ने कहा कि रोज आना जाना मत कर वही रूम ले लो।
मै भी सोची मां ठीक कह रही है।
मै अंशु से बात की उसने कहा कि ये छोटा कस्बा है यहां कोई रेनटर नही रखता है। जहां बैंक है उसी कस्बे मे एक दो होगा।
वो मुझे एक दो जगह ले गया जो मुझे पसन्द नही आया कुछ जगह सेफ नही था।
मै: तुम्हारा घर भी तो खाली रहता है तुम रेंट पर नही देते हो।
अंशु: ये छोटा सा कस्बा है यहां कोई क्यों रहेगा?
मै: मै सोच रही थी कि मै यही रह जाऊं 7, 8केएम ही तो दूर है, और तुम रहोगे तो मुझे डर भी नही लगेगा।
अंशु: अरे लेकिन?
मै: मै रेंट दूंगी तुम चिंता मत करो।
अंशु: रेंट पर क्या दूं, मै तो कह रहा था की यहां से ऑटो नही जाती आपके बैंक वाले कस्बे मे आपको 2केएम पैदल जाना पड़ेगा वहां से ऑटो मिलेगा।
मै: कोई बात नही मै पैदल चली जाऊंगी।
अंशु: ठीक है फिर जैसी आपकी मर्जी।
मै: ठीक है बताओ रेंट कितना लोगे?
अंशु: अरे मेरा अपना घर है रेंट देने की कोई जरुरत नही है।
मै: अरे नही रेंट तो लेना पड़ेगा।
अंशु: पहले आप सिफ्ट हो जाइए फिर देखते हैं।
मै अगले ही दिन कुछ कपड़े और जरूरी सामान ला सिफ्ट हो गई गैस चूल्हा बेड तो अंशु का था ही।
अब मै कभी पैदल जाती कभी वो मुझे बाईक से छोड़ देता।
कुछ दिन तो यूंही निकल गए। अब मैने स्कूटी लेने की सोची।
मै: मै सोच रही थी स्कूटी ले लूं।
अंशु: चलानी आती है?
मुझे स्कूटी चलानी आती है लेकिन मेरे मन मे ना जाने क्या हुआ मै नही बोल दी।
अंशु: चलानी नही आती तो क्यों लेंगी हाथ पैर टूट जाएगा।
मै: थोड़ी बहुत आती है बाकि तुम सीखा देना।
कुछ देर बाद वो मान गया अगले दिन हम स्कूटी जाकर ले आए।
वो चलाकर ले आया।
अब सन्डे को सुबह मुझे स्कूटी सिखाने ले गया।
जिसे चलाने आता हो वो कितना भी नाटक करे की उसे चलाना नही आता वो पकड़ा ही जाता है।
कुछ देर उसने मुझे पीछे बैठ चलाया मेरा हाथ पकड़।
फिर उसने मुझे चलाने दिया मै चलाने लगी, अब मै उसे दिखाने के लिए की मुझे नही चलाना आता है मै गिरा तो सकती नही थी तो मै अच्छे से चलाने लगी।
अंशु: अच्छा चला लेती हो आप तो।
मै: हां बहुत दिन से चलाई नही थी तो थोड़ा डर लग रहा था।
वो मेरे पीछे कुछ दूरी बना बैठा था मै ब्रेक मारी तो वो आगे सड़क मुझसे टच हो गया ।
मुझे उसका टच काफी अच्छा लगा।
अब हम घर आ गए। अगले दिन से मै स्कूटी से जाने लगी।
यूंही दिन गुजरने लगे मै उसका ही किचन यूज करती कभी वो खाना बना देता कभी मै खाना बना देती।
हम साथ खाते बातें करते कभी मै उसके कपड़े धो देती।
मै उससे उसके फैमिली के बारे मे पूछी उसने बताया कि उसके घर मे उसके मम्मी पापा एक बडे़ भाई एक छोटी बहन है।
मैने भी उसे अपने फैमिली के बारे मे बताई की मेरे पापा नही हैं मै सबसे बड़ी हूं फिर मेरा भाई जो बैंगलोर मे पढ़ रहा है फिर मेरी बहन है।
धीरे धीरे पता नही कैसे वो मुझे अच्छा लगने लगा मै उसे पसन्द करने लगी।
लेकिन वो सिर्फ 21 साल का था मुझसे 4साल छोटा तो मेरी उससे कहने की हिम्मत नही हुई।
ऊपर से वो सारा दिन पढ़ाई करता था और सुबह शाम दौड़ता था वो बिहार दरोगा की तैयारी कर रहा था।
अब एक महीना हो गया तो मै उसे रेंट देने लगी तो उसने लेने से मना कर दिया मै बहुत कोशिश की उसे देने की लेकिन वो नही लिया।।
कुछ दिन बाद वो मेरा पर्स मोबाईल थाने से ले आया।
मै कभी कभी छूट्टी मे शहर चली जाती कभी मेरी बहन मेरे साथ रहने आ जाती।
एक बार वो आई थी तो उसे शक हो गया कि मै अंशु को पसन्द करने लगी हूं।
मेरी बहन 21 साल की है उसका नाम दृष्टि है। वो बहुत सुन्दर है उसकी आँखें बिल्ली के जैसी ब्राउन है तो सभी उसे बिल्लो बुलाती हैं।
उस रात हम खाना खा सो रहे थे।
बिल्लो: तुम दोनो का चक्कर चल रहा है क्या?
मै:(शर्मा जाती हूं) नही तुझे ऐसा क्यों लगा?
बिल्लो: तेरे चेहरे पे लिखा है।
मै: नही ऐसा कुछ नही है!
बिल्लो: नही तू झूठ बोल रही है तेरा चेहरा मुझे बता रहा है।
मै: तुझे चेहरा पढ़ना कब से आ गया।
बिल्लो: कही तुमलोगों ने कुछ कर तो नही लिया।
मै: बकवास बंद कर तू फालतू मे ये सब सोच रही है हमारे बीच ऐसा कुछ भी नही है।
बिल्लो: ठीक है तेरा चक्कर नही चल रहा तो मै अपना चक्कर चला लेती हुं।
मै: नही ऐसा मत करना प्लीज।
मेरे चेहरे पर शर्माहत साफ देखी जा सकती हूं।
बिल्लो: ओए होए देख पकड़ी गई ना। चल अब सब सच सच बता।
मै: मै उससे पसन्द करती हूं लेकिन वो मुझसे उम्र मे छोटा है।
बिल्लो: छोटा है तो क्या हुआ?
मै: अरे मुझसे छोटा है तो मै कैसे कहूं उससे।
बिल्लो: तो ठीक है वो मेरी एज का है तो उसे मेरे लिए छोड़ दे।
मै: नही तु ऐसा कुछ नही करेगी।
बिल्लो: ओए होए तेरी आंखें बता रही हैं कि बात पसन्द से कुछ बड़ी है।
मै शर्मा गई।
बिल्लो: अच्छा तुने बोला उसे कुछ।
मै: अरे मै लड़की हूं मै कैसे बोल सकती हूं पहले।
बिल्लो: अरे लड़कियों को बोलना नही पड़ता, तु थोड़ा सा लाईन देगी तो वो खुद तेरी झोली मे गिरेगा।
मै: मुझे लाईन देना नही आता।
बिल्लो: अरे तु भी सिर्फ पढ़ाई लिखाई मे जवानी बर्बाद कर दी।, देख लाईन मारना कुछ मुश्किल नही है तू बस उसे देख मुस्कुरा जाना।
मै: मै तो हमेशा ही हंसती रहती हूं और वो बहुत सीधा है मुझे नही लगता ये सब उसके ऊपर काम करेगा।
बिल्लो: तो तु उसे रिझा, अपनी इन सुन्दर दुधु का जादू चला, कभी कमर दिखा। छूट्टी के दिन तु साड़ी पहन और नाभि से निचे बांध कर।
मै: एक तो मै उससे 4 साल बड़ी हुं, साड़ी मे और बड़ी नही देखूंगी?
बिल्लो: अरे आजकल के लड़कों को बड़ी लड़कियां ही अच्छी लगती हैं ।
अब सैटरडे को छुट्टी थी तो मै घर चली गई। वहां मां ने कहा कि एक रिश्ता आया है मेरे फुफा लाए थे।
दहेज 10लाख मांग रहे थे। मां ने कहा कि कर लो शादी मै मना कर दी।
इतनी पढ़ लिख कर मै नौकरी कर रही हूं और मै दहेज भी दूं।
मां गुस्सा हो गई।
मै भी गुस्से मे बोल दी की मै दहेज नही दुंगी।
मां: अरे नौकरी वाला लड़का है, दहेज तो मांगेगा ही। और तु पैसे मत देना मै गांव की जमीन बेच दूंगी।
मै: मै दहेज देकर शादी नही करूंगी चाहे किसी बिना जॉब वाले से भी शादी करनी पड़े,।
मां बहुत गुस्सा हो गई मै भी गुस्से मे संडे को ही वापस आ गई।
मै काफी गुस्सा थी।
कुछ दिन मे मै अंशु के बारे मे सोचने लगी ।
धीरे धीरे मुझे उससे प्यार हो गया लेकिन मै कह नही पा रही थी मेरी बहन मुझसे कहती लाईन मारने को पर मुझे समझ नही आता।
एक दिन सन्डे को मै काफी तैयार हुई और अच्छी सी साड़ी पहनी और नाभि के निचे बांध ली।
मै हॉल मे आकर बैठ गई, और उसे खाने को बुलाई वो अपने रूम से निकला और टेबल पर बैठ कर खाना खाने लगा।
अंशु: आज आपका बर्थ डे है?
मै: नही, तुम्हे ऐसा क्यों लगा?
अंशु: आज आप बहुत सुन्दर लग रही हो साड़ी पहनी हो तो मुझे लगा।
मै शर्मा गई इतने दिन मे पहली बार वो मुझे कुछ अलग नजर से देख रहा था मेरी तारीफ कर रहा था।
अब मै हमेशा साड़ी ही पहनने लगी।
मुझे लगा मेरा काम बनने वाला है लेकिन वो जाल मे नही फंस रहा था।
मेरी मां अलग शादी के लिए फोर्स करने लगी। अब मुझसे रहा नही जा रहा था मै अब आर या पार के मूड मे थी।
एक दिन सैटरडे शाम को हल्की आंधी आई मै कपड़े उठाने छत पर गई कुछ कपड़े उड़ कर छत से पीछे बाग मे चले गए। मै नीचे उठाने गई तो झाड़ियों मे मै साड़ी घुटनों तक उठा ली तभी मुझे एक कांटा मेरे घुटनों से थोड़ा निचे चुभ गया मेरी आह निकल गई।
मै काटा निकाल दी वहा से हल्का खून निकल गया।
मै कपडे उठा आने लगी तभी मेरे दिमाग मे आइडिया आया मै काटा उठा उसी के बगल मे गड़ा दी।
अब वो किसी सांप के दो दांत जैसे लगने लगे।
मै चिल्लाई अंशु दौड़ कर पीछे आ गया।
अंशु: क्या हुआ।?
मै: लगता है मुझे कुछ काट लिया।
मै उसे साड़ी उठा दिखाई वो मुझे पकड़ अंदर ले आया।
अंदर ला उसने गौर से देखा।
अंशु: काटा चुभा है।
मै: नही देखो दो दांत के निशान हैं। लगता है सांप काट लिया है।
अंशु: अरे सांप का निशान ऐसा नही होता है, अच्छा आपको उल्टी जैसा हो रहा है या पैर तन रहा है।
मेरे मुंह से जल्दी बाजी मे नही निकल गया।
अंशु: काटा ही चुभा है सांप काटा होता तो अभी बेचैनी महसूस होती आपको।
वो मुझे मेरे रूम मे बिठा चला गया मेरा सारा प्लान फेल होता लगा।
अब मै मोबाईल मे सर्च की सांप काटने के लछन और उसे देख कुछ देर बाद फिर चिल्लाई।
अंशु मेरे रूम मे आ गया।
अंशु: क्या हुआ?
मै: अरे मेरा पैर झुनझुना रहा है लगता है जहर ऊपर चढ़ रहा है।
अंशु:(मुस्कुराते हुए) अच्छा।
मै: तुम हंस क्यों रहे हो, मेरा पैर तड़तड़ा रहा है मेरा सर घूम रहा है।
अंशु: (हंसते हुए)मेरे पास सल्फास की गोली है वो खा लो जहर को जहर काटता है अगर सांप काटा होगा तो ठीक हो जाएगा।
मै: क्यों मजाक कर रहे हो, कोई और उपाय नही है फिल्मों मे जहर चूस कर निकाल देते हैं।
मै बेड किनारे बैठी थी अपनी साड़ी घुटनो तक उठा।
अंशु:(हंसते हुए) लाइए मै चूस देता हूं।
वो नीचे बैठ मेरे पैर पर जहां काटा लगा था चूसने लगा।
अब वो काटे का निशान भी नही दिख रहा था।
वो चूसता रहा। मेरी आह निकलने वाली थी लेकिन मै अपने मुंह बंद कर ली।
अंशु: अब कैसा लग रहा है?
मै: जांघ बहुत तड़तड़ा रहा है। लगता है जहर ऊपर चढ़ गया है।
अंशु: (मुस्कुराते हुए)मै समझ गया की जहर कहां चढ़ा है!
वो मेरे घुटने चूसते हुए ऊपर बढ़ने लगा मेरी जांघों को चुसने लगा मै भी अपनी टांगे खोल दी।।
मेरी साड़ी कमर तक सड़क गई थी अब मेरी पैंटी दिखने लगी थी उसने मेरी पैंटी पर से मेरी चूत पर में मुंह लगा दिया मेरी आह निकल गई।
वो अब मेरी पैंटी साईड कर मेरी चूत चूसने लगा मेरी आह निकल गई ।
अंशु:(मेरी चूत चूसते हुए मेरी ओर देख) यहीं सारा जहर है ना?
मै शर्मा गई।
वो मेरी चूत चूसने लगा मेरे हाथ उसके सर पर चले गए मै सहलाने लगी।
वो जोर जोर से चूत चूसने लगा मेरे शरीर मे करंट दौड़ने लगा मै ऐंठने लगी मेरी जांघ की नसें फड़फड़ाने लगी, मै मजे से दोहरी होने लगी।
मै सिसकरते हुऐ झड़ गई।
वो उठ गया मै उसे पकड़ किस करने लगी कुछ देर मे वो भी साथ देने लगा मै बेड पर किस करते हुए लेट गई और उसे अपने ऊपर लिटा ली मै अपनी पैर उसके कमर पर लपेट दी।
वो मेरे होंठ चूस रहा था मै उसके होंठ चूस रही थी
वो अब मेरे गाल गले कान गर्दन सब जगह चूसने लगा
मै मदहोश होने मै अपना ब्लाउज खोल दी वो मेरे ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मे चूसने लगा मेरी ब्रा खोल मेरे 34 के चूंचे चूसने लगा मै आह आह कर रही थी मै मजे से अपने दूध चुसवा रही थी वो कभी निप्पल मुंह में ले भिंचता तो मेरी सिसकारी निकल जाती।
अब वो नीचे जाते हुए मेरे पेट चूसने लगा मेरी नाभी चुसने लगा वो बहुत देर मेरी गहरी नाभी चूसता रहा मेरे पेट मे तितलियां उड़ रही हों ऐसा मुझे लगा।
वो मेरे पेडू चूसने लगा मै मजे से आह आह करने लगी।
अब मै उसे ऊपर उठाई और उसकी टी शर्ट निकाल दी और उसे किस करने लगी । उसके गाल गर्दन सीने को चूमने लगी उसके चेहरे को चूस चूस पुरा गिला कर दी।
अब उसको अपने ऊपर लिटा उसके कमर को अपनी चूत पर दबाने लगी उसके पीठ सहलाते हुए उसके पैन्ट को पैर मे फंसा दी।
वो मेरे कान चूसते हुए।
अंशु: आप सच मे करना चाहती हैं ।
मै शर्मा गई लेकिन मै ये मौका जाने नही देना चाहती थी।
मै: (उसे किस करते हुए) हां!
अब मै उसका पैन्ट उतारने लगी।
उसने पैंट चड्डी उतार दिया मेरी साड़ी तो कमर तक आ ही रखी थी उसने पैंटी उतारी और चूत को चूमा और मेरे ऊपर चढ़ लन्ड को चूत पर घिसने लगा मेरी आह निकल गई मै सिसक उठी।
कुछ देर मे उसने सुपाड़ा अन्दर घुसा दिया मेरी आह निकल गई उसने कुछ देर सुपाड़ा ही अन्दर बाहर किया मेरी सिसकी निकल जाती अब धीर से धक्का दे उसने आधा लन्ड घुसा दिया मेरी चीख निकल गई उसने मेरे होंठ अपने होंठो से भींच लिया।
कुछ देर वो वैसे ही पड़ा रहा फिर मुझे कुछ अच्छा लगा तो मै उसके पीठ सहलाने लगी ।
उसने धीरे धीरे चोदना शुरू किया मै मजे लेने लगी तभी उसने एक धक्का लगा दिया मुझे बहुत दर्द हुआ मेरी आंखों से आंसू निकल गए।
मेरे होंठ उसके होंठ से बंद थे नही तो मेरी ज़ोर की चीख निकल जाती।
मै दर्द बर्दास्त कर गई वो मेरे आंसू पीने लगा मुझे मेरी जांघ के जोड़ों पर कुछ बहता महसूस हुआ मै समझ गई मेरी चूत से खून निकल रहा है।
कुछ देर मे मै अच्छा फील करने लगी। वो हल्के हल्के कमर हिला चोदने लगा मै मजे ले आह आह करने लगी मुझे मीठा मीठा दर्द हो रहा था।
कुछ देर मे मेरी सांसे भारी होने लगी मै हांफने लगी
मै मजे ले झड़ गई। मेरी चूत एक दम चिकनी हो गई थी अब लन्ड थोड़ी आसानी से चूत मे जा रहा था।
अब वो हल्के हल्के चोदने लगा मुझे फिर मजा आने लगा मै मजे ले चुदाने लगी कुछ देर मे उसकी सांसें तेज चलने लगी मै उसके होंठ चूसने लगी और उसके कमर को पैर से लपेट ली वो भी झड़ने वाला था मै गाड़ उठा चुदाने लगी कुछ देर मे वो मेरे अन्दर आह आह करते हुए झड़ गया। उसके गर्म माल को बूर मे फील कर मै मस्त हो गई और मेरी चूत भी झड़ गई।
मै उसे किस करती रही कुछ देर मे वो मेरे ऊपर से उतर मेरे बगल मे लेट गया मै उसे बांहों मे भर सहलाने लगी।
कुछ देर मे उससे नजर मिली तो मै शर्मा गई वो भी शर्मा गया।
मै घड़ी देखी तो 8 बज गया था। वो उठ गया मै भी उठ गई देखी तो बेडशीट पर खून और हमारा मिला जुला रस लगा था।
वो अपने कपड़े पहन बाथरुम मे चला गया और कुछ देर मे नहा कर बाहर निकला।
मै भी कपड़े पहन ली बाथरूम जा नहा ली।
बाहर आईं तो वो खाना बना रहा था मेरी चूत मे हल्का दर्द हो रहा था। मै अपने रूम मे चली गई।
कुछ देर मे उसने मुझे खाने के लिए बुलाया।
हमने खाना खा लिया और मै बर्तन धोने चली गई वो अपने रूम मे चला गया।
कुछ देर बाद मै भी उसके रूम मे जा उसके बेड पर बैठ गई।
हम कुछ बातें नही कर रहे थे बस वो मुझे देख शर्माता और मै उसे देख शर्मा जाती।
कुछ देर मे वो मेरे बगल मे बैठ गया।
मै: क्या तुम अब मुस्कुराना बंद करोगे।
अंशु: आप भी तो मुस्कुरा रही हैं।
हम दोनो हंसने लगे।
कुछ देर मे हम लेट गई मै उसे बांहों मे भर ली हम हंसे जा रहे थे।
कुछ देर मे हम बाते करने लगे वो मेरा मजाक बनाने लगा कि कितना बचकाना बहाना था कांटा चुभा था और सांप बता रही थीं।
मै: जो भी हो पहल तो मुझे ही करना पड़ा।
कुछ देर मे हम हंसते हुए थक गए तो शान्त हो गए।
मै: मां मेरी शादी के लिए फोर्स कर रही है।
अंशु: तो आपने क्या कहा?
मै: मै तुमसे शादी करना चाहती हूं (मै हिम्मत कर बोल दी, मेरी धड़कन तेज तेज चल रही)
अंशु: (मेरे सीने पर हाथ रखते हुए) मै भी आपसे शादी करना चाहता हूं।
मै उसे चूमने लगी।
अंशु: आपकी धड़कन काफी तेज चल रही है।
मै उसका हाथ अपने सीने पर दबा दी।
अंशु: मेरा अगले महिने बिहार दरोगा का रनिंग है। मै सेक्स ज्यादा नही करना चाहता अभी।
मै उसे चूम ली।
मै: ठीक है दौड़ कर आओ तब करेंगे।
मै: तुम्हारे भाई की शादी हो गई है क्या?
अंशु: नही! उसका कहना है कि जब जॉब लगेगा तब शादी करेगा।
मै: लेकिन मै तुमसे बिना जॉब के शादी कर लूंगी, मै तुम्हें बहुत प्यार करूंगी,।
अंशु: (हंसते हुए) ठीक है। मै तुम्हें खाना बना कर दुंगा।
अब हम कुछ देर बात करते हैं और मै उसे अपनी बांहों मे भर सो जाती हूं।
अब रोज सुबह उठ वो दौड़ने चला जाता शाम को मै उसकी जम कर मालिश कर देती कभी वो भी मेरी मालिश कर देता। वो बहुत मेहनत कर रहा था।
अगले महीने वो दौडने चला जाता है मै अकेली थी तो मेरे साथ रहने उसकी बहन आ जाती है।
मै पहली बार उसके किसी फैमिली मेंबर से मिल रही थी वो मुझे काफी अच्छी लगी।
दो दिन बाद वो दौड़ मे पास हो जाता है और घर आ जाता है।
उस दिन हमने कुछ नही किया क्योंकि उसकी बहन थी हम सब बहुत खुश हुए।
दो दिन बाद उसने अपनी बहन को अपने गांव पहुंचा दिया, और शाम को वापस आ गया मै बैंक से घर आई तो वो आ चूका था।
मेरे घर मे घुसते ही उसने मुझे गले लगा लिया मै भी उसे भी उसे चूमने लगी।
कुछ देर हम यूंही किस करते रहे। वो मुझे गोद मे उठा बेड पर लेट गया।
मै: इतनी जल्दी क्या है , पहले मै फ्रेस हो लूं, फिर सारी जिन्दगी हमारी है।
अंशु: कुछ दिन मे मेरा भाई यहां रहने आ जाएगा, उसकी जॉब इसी कस्बे के सरकारी हाई स्कूल मे टीचर की लग गई है।
मै:( खुश होते हुए) तब तो ये बहुत अच्छी बात है अब हमारी शादी भी जल्दी हो जायेगी।
मै फ्रेश हो ली और हमने मिलकर खाना बनाया और खा लिया।
अब हम बेड पर लेट कर बाते करने लगे मै उसे अपनी बांहों मे भर ली।
उसे चूमने लगी हमारे जीभ एक दूसरे से कुश्ती कर रहे थे, बहुत देर हम दोनो सिर्फ जीभ चूसते रहे। फिर मै उसके गाल गर्दन गले को चूसने लगी वो भी मेरे गाल गले गर्दन कान सभी जगह चूसता हमारे शरीर एक दूसरे से घिस रहे थे।
अब मै बहुत गर्म हो गई थी हम दोनो ने अपने सारे कपड़े उतार दिए वोमेरे मम्मे चूसने लगा मेरी आह निकल जाती वो उन्हें सहलाते चूमते चाटते हुए खेल रहा था मै मजे ले रही थी।
अब वो निचे जाते हुए मेरे पेट नाभि पेडू को चूसने लगामेरी सिसकियां निकल जाती।
अब उसने मेरी बूर पर जीभ फिरा दी मेरी चूत पहले से ही गीली हो रखी थी मै बोलने लगी डाल दो अब।
उसने मेरी चूत चाटनी जारी रखा मै बोलने लगी आह अब डाल दो मुझसे बर्दास्त नही हो रहा।
वो अब मेरे ऊपर लेट गया और लन्ड मेरी चूत पर रख दिया मेरी सिसकारी निकल गई अब उसने हल्का सा लन्ड घुसा दिया मेरी आह निकल गई हल्का सा दर्द हुआ मीठा सा वो हल्के हल्के चोदने लगा।
धीरे धीरे उसने पुरा लन्ड उतार दिया मेरी गीली चूत मे उसका लन्ड एक दम कसा हुआ जा रहा था।
मै मजे लेती हुई चुदवा रही थी मेरी आह निकल रही थी मै उसे चूसे जा रही थी उसके होंठ गाल मै बूरी तरह चूस रही थी।
मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था कुछ देर ममै झड़ने वाली थी तो मैने उसके कमर को लपेट लिया अपनी टांगों से। कुछ देर मे मै झड़ गई मेरी चूत फड़ फड़ा गई उसके लन्ड को निचोड़ रही थी कुछ देर मे वो भी मेरी चूत मे झड़ गया।
हम हाफ रहे थे मै उसे किस करे जा रही थी।
उस रात मै उससे 4बार चुदाई। हर बार रस बूर मे लेती रही मै तर गई।
सुबह उठी तो उसके होंठ लाल हो गए थे मेरी बूर हल्की दर्द कर रही थी।
मै बर्दास्त कर उठी और नहा ली वो दौड़ कर आया और खाना बना रहा था।
हमने खाना बनाया और मै बैंक चली गई।
रात को इतनी बार चुदने के बाद बैंक जाना आसान नही था मेरी दर्द से हालत खराब होने लगी तो मै पेंकिलर ले ली थोड़ी देर बाद मुझे कुछ आराम हुआ।
अब शाम को मै आ गई उसने खाना बनाया। मैने उसे बताया कि बहुत दर्द हुआ आज उसने मुझे खाना खिला रात को मेरे पुरे शरीर की मालिश कर दी मेरी सारी दर्द गायब हो गई।
मुझे इतनामजा आया कि मुझे नींद आ गई।
अब सुबह उठी तो मेरे पीरियड आ गए तो अगले कुछ दिन तो हमने कुछ नही किया मै सिर्फ उसके होंठ चूसती, उसके सीने को चूमती और उसे बांहों मे भर सो जाती।
मेरे पीरियड खत्म हुए तो मै बैंक से घर आते वक्त दर्द की दवा ले ली सोची आज फिर रात भर चुदूंगी।
घर आकर देखी उसका भाई आ गया था कल उसका पहला दिन था स्कूल मे।
मैने उन्हें नमस्ते किया वो मेरी ही एज के थे तो मै उसे सर बुलाने लगी और मै बैंक मे काम करती थी तो वो मुझे मैम बुलाने लगे।
अब वो दोनो भाई अपने रूम मे सो गए मै अपने रूम मे सो गई मुझे उसे बांहों मे भर सोने की आदत हो गई थी तो मुझे नींद ही नही आ रही थी।
मुझे बहुत देर बाद नींद आई। मेरे चुदाई के सारे अरमान पानी मे बह गए।
अब हमारी चुदाई नही हो पा रही थी, हमारा मिलना भी मुश्किल हो गया था मै उसे किस तक नही कर पा रही थी, क्योंकि मेरे बैंक जाने के बाद उसके भईया स्कूल जाते और मेरे आने से पहले ही आ जाते।
दो दिन बाद सैटरडे को मै बैंक से आई तो अंशु ने मुझे आते ही गले लगा लिया।
मै: क्या कर रहे हो भईया देख लेंगे।
अंशु: वो घर चला गया है कल सन्डे है तो अब कल शाम को आएगा या मंडे सुबह आएगा।
मै खुश हो गई और उसे चूमने लगी , मै अभी हॉल मे ही थी और मेरा पर्स मेरी हाथ मे ही था मै उसे चूसे जा रही थी हम वहीं जमीन पर लेट गए मैने अपनी सलवार खोल उतार दी और पैंटी भी उतार दी अब उसका पैन्ट उतार दी।
हम बहुत गर्म हो गए थे मेरी चूत पानी छोड़ने लगी मै उसका लन्ड पकड़ अपनी चूत पर लगा दी उसने हल्का सा धक्का लगा लन्ड घुसा दिया मेरी आह निकल गई अब उसने हल्के हल्के चोदते हुए पुरा लन्ड घुसा दिया।
मुझे हल्का हल्का मीठा मीठा दर्द हो रहा था मै मजे ले चुदवाती रही कुछ देर मे हम दोनो झड़ गए।
अब हम उठे मै फ्रेस हो गई।
अब हमने खाना बनाया और खा लिया। मै उसे बांहों मे भर ली।
मै: मुझे नींद नही आती तुम्हारे बिना।
अंशु: (हंसते हुए)मुझे भी नही आती, मुझे तुम्हारी बांहों मे सोने की आदत लग गई है।
मै उसके होंठ चूसने लगी फिर हमारे सारे कपड़े उतर गए और हमारी चुदाई शुरू हो गई उस रात मै 3 बार चुदाई।
अगले दिन सन्डे था तो हमने फिर दो बार चुदाई करी फिर बाकि रात मे करने की सोची लेकिन उसके भईया शाम को ही आ गए और बहुत सारी मिठाई लेकर आए।
जीतू;(उसका भाई) लिजिए मिठाई खाइए.
मै: किस खुशी मे।
जीतू: अरे पहला दिन था जिस दिनमै लाया नही तो आज ले आया।
मै: मै सोची अपनी शादी की मिठाई खिला रहे हैं।
जीतू: अरे अभी नही।
ये मिठाई मेरी आज रात चुदाई ना होने के गम के नाम है, ये सोचते हुए मै मिठाई खा ली।
अब यूंही दिन गुजरने लगे अंशु ने मुझे टेडी बीयर बड़ा सा लाकर दे दिया मै उसे ही पकड़ कर सोती हमारी चुदाई सिर्फ सन्डे को हो पाती मै उससे चुदाने के चक्कर मे अपने घर भी छूट्टी पर नही जाती।
एक बार मां ने फोन कर कहा कि नाराज है क्या घर क्यों नही आती मै बोली नही नाराज नही हुं।
फिर अगले फ्राइडे को मै बैंक से सीधा अपने घर मां के पास चली गई।
वहां पहुंच मां ने मुझे बताया कि मेरे भाई की नौकरी एमएनसी कंपनी मे लग गया है मै बहुत खुश हुई।
मैने अपने भाई को फोन किया उसे बधाई दी।
मेरा भाई: थैंक्यू दी आपने मुझे इतना पढ़ाया, मुझे एमबीए कराया, पापा के जाने के बाद मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था, आपने हमे अपने बच्चों की तरह पाला आप मेरे लिए पापा जैसी हैं।
मै:(काफी इमोशनल हो गई) धत्त पागल ये मेरा फर्ज बनता है कि मै अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करूं।
कुछ देर हमने उन्ही बात की।
मेरा भाई: दीदी बस अब आप शादी के लिए हां बोल दो, पैसे की चिंता मत करो मै सब देख लूंगा मौसा जी एक रिश्ता लेकर आए थे।
मै: मै कितनी बार कह चुकी हूं कि मै दहेज देकर शादी नही करूंगी।
वो मुझे मनाने लगा लेकिन मै नही मानी।
कुछ देर मे मां गुस्सा हो गई।
मां: दो पैसे कमाने क्या लगी अपनी मनमानी करने लगी, तूझे अब जो जी मे आए तू कर।
मै: इसी झगड़े के कारण मै नही आती हुं।
मां:(गुस्से मे) ठीक है, मत आया कर ऐसा कर तू हमसे रिश्ता ही मत रख हम मां बेटी रह लेंगे।
बिल्लो: अरे इतना गुस्सा क्यों हो रही हो, वो कर लेगी ना शादी।
मां: तू भी उसका पछ लेती है, ठीक है मै अपने बेटे के पास चली जाती हूं तुम दोनो को जो मन मे आए करो।
मां काफी गुस्सा थी हम उसे मनाने की कोशिश करते हैं लेकिन वो नही मानी।
अगले दिन मै अपने काम पर आ गई।
कुछ दिनों बाद मां बंगलोर चली गई और बिल्लो मेरे पास आ गई। मैने बिल्लो को भी कोचिंग ज्वाइन करा दिया।
अब मै सुबह बैंक चली जाती और बिल्लो ,अंशु के साथ बाइक से कोचिंग चली जाती।
अब हमारी चुदाई बिल्लो के रहने से एक दम बंद हो गई हम किस भी नही कर पा रहे थे सन्डे को भी नही।
कुछ दिन बाद अंशु के भईया ने ऊपर फ्लोर पर काम शुरु करा दिया ऊपर भी 2 बीएचके बनना था।
अब ठंड आ गई थी हमे चुदाई करे 2 महीने हो गए थे
मुझे अब बर्दास्त नही होता था मेरे अंग अंग मे एक टीस उठती रहती मेरा सारा शरीर जलता रहता।
एक दिन मै उसे टैक्स्ट कर बताई की मुझसे अब रहा नही जाता कुछ करो तुम ।
उसने कहा उसका भी हाल कुछ ऐसा ही है।
उसी रात हम खाना खा हॉल मे बैठे थे बिल्लो मेरे रूम मे और अंशु अपने रूम मे पढ़ाई कर रहे थे।
मै: और बताइए जीतू सर शादी कब कर रहे हैं?
जीतू: अरे पहले छोटी बहन की शादी करूंगा तब अपनी शादी के बारे मे सोचूंगा। आप बताईए आप कब कर रही हैं।
मै मन मे सोची मेरी शादी के बीच मे आप ही तो रोड़ा बने हैं।
मै: (हंसते हुए) अरे अभी कहां अभी तो मेरी शादी और मेरे बीच बहुत रोड़े हैं।
जीतू:(हंसते हुए) तो रोड़े हैं तो हटाइए जिन्दगी के रोड़े खुद हटाने पड़ते हैं।
हम यूंही बात करते रहे।
अगले दिन शाम को मै बैंक से आई तो देखी की पीछे के गार्डन मे पेड़ से और कुछ बांस से बांध कर कुछ ट्री हाऊस जैसा बना हुआ है।
अब रात को सब खाना खाते हुए बात कर रहे थे।
जीतू: ये क्या पिछे गार्डन मे बना रहा है।
अंशु: ट्री हाऊस बना रहा हूं।
जीतू: क्यों बनवा रहा है फालतू मे समय बर्बाद और मजदूरी भी।
अंशु: अरे दिन भर छत पर कंट्रक्शन की आवाज आती है मुझे पढ़ने मे डिस्टर्ब होता है मै वही पढूंगा।
जीतू: अरे क्या कुछ भी करता है।
अंशु: आप तो दिनभर स्कूल मे रहते हो मुझे डिस्टर्ब होता है अगले महीने मेरा मेंस का एक्जाम है।
जीतू: ठीक है।
मै रात को अंशु को टेक्स्ट कर पूछी तो उसने कहा हमारे लिए बनवा रहा है।
मै काफी खुश हुई।
कुछ दिनो मे ट्री हाउस बन गया।
मै दिन मे जा कर देखी तो नीचे मचान जैसा था जमीन से 6 फूट ऊपर मचान पर धान का नेवारी बिछा था उसपर छोटा सा गद्दा बिछा था सारी तरफ से बन्द था
बस एक छोटा सा गेट जैसा था जिसे अन्दर से एक प्लाई के टुकड़ा से बन्द कर सकते थे।
अदंर दो लोग आराम से सो सकते थे पैर मोड़ कर खड़े नही हो सकते थे क्यूंकि ऊंचाई सिर्फ 4 फीट से थोडी ज्यादा होगी।
मै बहुत खुश हुई।
अब रात को अंशु टेंट मे ही सोने जा रहा था।
जीतू: अरे वहां क्यों सोने जा रहा है?.
अंशु: वहां एक किताब छुट गया है वहीं पढ़ना है रात मे कुछ देर पढूंगा और वहीं सो जाऊंगा, आपको भी तकलीफ नही होगी।
जीतू: ठीक है जाओ।
अब रात को जब बिल्लो सो गई तो मै टेक्स्ट की उसने कहा आ जाओ।
मै पीछे का दरवाज़ा खोल पीछे गई वो नीचे ही खड़ा था ठंड बहुत ज्यादा थी कोहरा छाया था।
मै जाते ही उसे बाहों मे भर ली।
मै उसके साथ बांस की सीढ़ी चढ़ अंदर गई अन्दर आते ही हम गुत्थम गुत्था हो गए।
हम बहुत दिन बाद मिले थे मै उसे जोर जोर से चूस रही थी हमने स्वेटर खोल दिया मै सामने से खुलने वाला नाईटी पहनी थी उसे खोल अपनी ब्रा उतार दी वो मेरे गाल गले कान गर्दन सब जगह चूसने लगा मेरी आह निकल जाती मै उसे अपने मम्मे चूसने दी।
वो मम्मे चूसने लगा मेरी सिसकारी निकल जाती मै उसका शर्ट खोल उसके सीने को चूसने लगी।
हमे ठंड लग रही थी,ठंडी हवा कहीं से आ रही थी तो हम रजाई मे आ गए मै नाईटी उठा पैन्टी निकाल दी वो मेरी जांघ चूसने लगा मेरी चूत पर मुंह लगा दिया मेरी आह निकल गई वो मेरी चूत चूसने लगा मै मजे लेने लगी मै मजे से मरी जा रही थी वो चूत मे जीभ डाल रहा था मेरा शरीर अकड़ गया और मै आह आह करते हुए झड़ गई।
अब मै उसे अपने ऊपर खींच ली और उसे किस करने लगी उसका पैन्ट उतार दी उसके लन्ड को सहलाने लगी इतनी ठंड मे भी उसका लन्ड एक दम गर्म था।
अब चूत पर लगा दी उसने हल्का सा धक्का दे लन्ड घुसा दिया और हल्के हल्के चोदने लगा मेरी आह निकल गई मै सिसकारी भरती हुई चुदवाने लगी धीरे धीरे उसने पुरा लन्ड घुसा दिया मै मजे ले चुदवाती रही।
मै उसे अपने टांगों मे जकड़ ली और अपनी गांड़ उठा उठा चुदाने लगी। मै मजे से झड़ गई वो रूक गया मै कमर उचकानें लगी तो उसने फिर चोदना शुरू किया कुछ देर बाद हम फिर झड़ गए। उसका गर्म पानी मेरी चूत के कोने कोने की प्यास बुझा गया।
हम उस रात 3 बार चुदाई किए और मै उसे बांहों मे भर सो गई सुबह 4 बजे उसने मुझे उठाया मै उठ कर अपने कमरे मे आ सो गई। बिल्लो सो रही थी।
7 बजे बिल्लो ने उठाया तो मै तैयार हो खाना बनाने मे मदद की और बैंक चली गई बूर मे हल्का दर्द था तो दर्द की दवाई ले ली और कॉन्डम का बड़ा सा डब्बा ले ली।
अब रात को मै उसे टैक्स्ट कर दी जब बिल्लो सो गई तो मै पहुंच गई कॉन्डम का डब्बा ले।
वो कॉन्डम देख हंसने लगा बोला की इतना बड़ा डब्बा कहां छुपाऊंगा।
मै बोली पेड़ पर छुपा देना।
अब हम किस करने लगे मै उसे चूसने लगी हमारे कपड़े खुल गए उसने मेरी बूर चाट गीली कर दी अब मै उसे कॉन्डम पहनाने की कोशिश करने लगी।
हम दोनो का ही कॉन्डम के साथ पहला पहला एनकाउंटर था थोड़ी मुश्किल हुई लेकिन हमने जैसे तैसे कर कॉन्डम उसे लगा दी।
अब मै चुदाने लगी थोड़ा मजा कम आ रहा था लेकिन चलता है मै 4 बार उस रात चुदाई मेरी बूर मे मीठा मीठा दर्द होता था उस दिन हमे उठने मे थोड़ी देर हो गई सुबह के 6 बजने वाला था कोहरा छाया हुआ था मै रूम मे पहुंची तो बिल्लो जाग रही थी।
मै थोड़ी सी नर्वस हो गई।
बिल्लो: इतनी सुबह सुबह कहां गई थी?
मै: अरे कहीं नही थोड़ी जॉगिंग करने गई थी।
बिल्लो: इतनी ठंड मे, अकेले।
मै: नही अंशु के साथ गई थी।
बिल्लो: अच्छा कल से मै भी चलूंगी मुझे भी उठा देना।
मै: अरे बहुत ठंड है मै कल से नही जाऊंगी, मेरी तबियत बिगड़ी तो मुझे छूट्टी लेनी पड़ेगी।
बिल्लो: अच्छा मै अंशु के साथ चली जाऊंगी।
मै: अरे वो भी कल से नही जायेगा उसका मेंस का एक्जाम है।
बिल्लो: ठीक है।
मै थोड़ी सतर्क हो गई एक दो दिन नही गई।
कुछ दिन बाद एक रात को फिर गई और खुब चुदाई।
अब हफ्ते भर रोज चुदाती रही सबके सोने के बाद जाती और 4 बजे के पहले ही आ जाती।
मै खूब मजे लूट रही थी चुदाई के।
लेकिन एक दिन गड़बड़ हो गई थोड़ी उस दिन सैटरडे था मेरे पीरियड एक दिन पहले ही खत्म हुए थे तो मै उस रात बहुत जोश मे थी,अगले दिन सन्डे था ही तो मै उस और 6 बार चुदाई और सारा रस बूर मे लेती रही मुझे इतना मजा आया की मै बता नही सकती।
सुबह हमे उठने मे थोड़ी देर हो गई मै जल्दी जल्दी उठ कर अदंर आ गई और बाथरूम मे घुस गई।
जल्दी जल्दी मे मै अपनी ब्रा पहननी भूल गई वो उधर ही छुट गया था मै सोची कोई बात नही उधर कौन जाता होगा हमारे सिवा।
मै खाना खा दोपहर मे अपने रूम मे बैठी थी अंशु बाजार गया था कुछ कंट्रक्शन का सामान लाने, उसका भाई घर गया था।
तभी बिल्लो रूम मे आई उसके हाथ मे मेरी ब्रा थी जो ट्री हाउस मे छुट गई थी।
बिल्लो:(ब्रा दिखाती हुई) ये क्या है?
मुझे ठंड मे भी पसीना आने लगा।
मै: क्या है मतलब क्या, ब्रा है और!
बिल्लो : किसका है?
मै: मै, म म मेरा।
बिल्लो: तेरा है तो ये ट्री हाउस मे क्या कर रहा था।
मै: चला गया होगा।
बिल्लो: हां इसके पैर हैं जो चला गया होगा।
मै: अरे उड़ कर चला गया होगा।
बिल्लो: उड़ कर ये तकिए के नीचे चला गया होगा नही।
मै: अरे मेरा दिमाग क्यों खराब कर रही है।
बिल्लो: सच सच बोल क्या चल रहा है? कहीं तू चक्कर तो नही चला रही है।
मै: ये क्या बोल रही है फालतू तुझे अपनी बहन पर लांछन लगाते हुए शर्म नही आती।
बिल्लो: अगर तू लेकर नही गई इसका मतलब अंशु ले कर गया होगा।
मै: कुछ भी मत बोल वो क्यों लेकर जायेगा।
मेरी आवाज़ भारी हो रही थी।
बिल्लो: तू जानती नही है आज कल के लड़के ना लड़कियों की पहनी हुई ब्रा पैंटी सूंघते हैं और गलत हरकत करते हैं।
मै: कुछ भी मत बोल वो ऐसा लड़का नही है बहुत सीधा है वो।
बिल्लो: तू बहुत भोली है कुछ नही समझती ।
मै: फालतू मत बोल वो बहुत अच्छा लड़का है।
बिल्लो: ओए होए मै समझ गई तेरा चक्कर चल रहा है, तू ही इसे ले गई है।
मै: तुझे जो समझना है समझ मेरा कोई चक्कर नही है।
बिल्लो: तो मै चक्कर चला लूं।
मै: अपनी बहन से ये कैसी बातें कर रही है तू।
बिल्लो: तेरा चक्कर चल रहा है तभी तू मना कर रही है।
मै: तुझे जो करना है कर वो ऐसा लड़का नही है बहुत सीधा है।
बिल्लो: बहुत सीधा सीधा कर रही है एक आंख मारूंगी ना तो वोमेरे कदमों मे गिरेगा। मेरे लिए पागल हो जायेगा मेरी भूरी नशीली आंखें देखी हैं ना तू मै इससे उसके दिल को छन्नी छन्नी कर दुंगी।
अब भी वक्त है बता दे सचाई। नही तो मै ले उड़ूंगी।
मै: (हंसते हुए) तुझे जो करना है कर।
अब मै काफी सतर्क हो गई और कुछ दिन नही गई और अपने मोबाईल से सारे टैक्स्ट, फोटो वीडियो डिलीट कर दी।
कुछ दिनों बाद अंशु ने मुझे टैक्स्ट कर कहा कि बिल्लो कुछ ज्यादा ही मुझसे फ्रैंक हो रही है।
मैने उसे मिलने के लिए बैंक मे बुलाई और लंच टाईम मे हम मिले।
मै: क्या कह रहे थे तुम?
अंशु: यहीं की आज कल बिल्लो कुछ ज्यादा ही फ्रैंक हो रही है और मुझसे एक दिन पूछी की आपकी ब्रा मेरे ट्री हाऊस मे कैसे गई।
मै: तुमने क्या कहा?
अंशु: मैने कह दिया कि बाहर पेड़ पर सुख रहा था तो मेरी नजर रात को पड़ी तो मै हटा दिया की शीत में भीग ना जाए।
मै हंस पड़ी।
मै: अच्छा कैसे फ्रैंक हो रही है।
अंशु: अरे पहले तो आप आप कर बात करती थी अब तुम कहती है और क्लास जाते वक्त बाइक पर चिपक कर बैठती है। आँखें गोल गोल घुमाती है और आंख मारती है।
मै:(हंसते हुए) कहीं तुम उसकी नशीली आंखों मे डूब तो नही जाओगे।
अंशु: आपको ऐसा लगता है।
मै: नही मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।
अंशु: पर वो ऐसा क्यों कर रही है?
मै उसे सब बात बताती हूं।
अंशु: अरे तो उसे सच्चाई क्यों नही बता देती।
मै: अरे वो मां को बता देगी।
अंशु: तो क्या मै उसे डांट दूं।
मै: नही तुम डांट दोगे तो हमारी शादी के बाद उसे तुम्हारे सामने बहुत बुरा फिल होगा, और शायद वो हमारी शादी मे रोड़ा अटका दे।
अंशु: तो मै अब क्या करूं?
मै:(हंसते हुए) तुम्हारी होने वाली साली है झेलो।
और एक बात ध्यान रखना उसकी आंखों मे कभी गौर से मत देखना।।
अंशु: क्यों,?
मै: उसकी आंखों मे जादू है, जो भी उसकी आंखें देखता है वो उसके बस मे हो जाता है।
अंशु: हां उसकी आँखें नशीली है तभी वो मुझसे आंख लड़ाने का कंपीटिशन करना चाहती है।
अंशु: हमारी शादी कब होगी?
मै: मैने तुम्हारे भईया से बात की थी पहले तुम्हारी बहन की शादी होगी, तब तुम्हारे भाई कि तब लास्ट मे हमारी।
अब यूंही समय कटने लगा बिल्लो अब मेरे सामने भी अंशु को छेड़ने लगी कभी उसके कमर पर चूंटी काट लेती तो कभी आंख मार देती कभी खाने के टेबल पर अपने पैर से उसके पैर लगाने लगती।
वो बहुत पैंतरे कर ली लेकिन मेरे प्यार को डिगा ना सकी।
एक रात मै और बिल्लो सोने के लिए आए।
बिल्लो: मान गई तेरे यार को दीदी।
मै: पहले तो मेरा कोई यार नही है और क्या हुआ ये बता।
बिल्लो: मै महीने भर से अंशु को छेड़ रही हुं लेकिन वो मेरे जैसी हुस्न की मलिका को भाव ही नही दे रहा है।
मै: मै बोली थी ना वो वैसा लड़का नही है।
बिल्लो: वो मेरी इन नशीली आंखों मे डूब नही रहा है इसका मतलब समझती हो?
मै: तू ही बता?
बिल्लो: इसका मतलब ये कि वो कहीं तो झील मे डुबकी लगा रहा है?
मै: (हंसते हुए) क्या बोल रही है?
बिल्लो: मुझे तो लगता है कहीं तू अपने झील मे उसे डुबकी तो नही लगवा रही है।
मै: तू फिर शुरु हो गई।
बिल्लो: अच्छा मत बता, लेकिन जिस दिन रंगे हाथों तुझे पकड़ूंगी उस दिन तु हमेशा याद रखेगी।
मै: जब कुछ है ही नही तो क्या ही कर लेगी।
अब हमारी चुदाई तो एक महीने से बन्द थी ही तो मुझे कोई टेंशन नही थी।
लेकिन एक दिन बड़ी मुसीबत आ गई।
उस दिन 31 दिसम्बर की सुबह 4 बजे थे अंशु के भईया गांव वाले घर पिछली शाम को ही गए थे।
मै उठी तो सोची की बिल्लो तो 6 बजे से पहले उठने वाली है नही तो मै अंशु के पास चली जाती हूं।
मै चुप चाप उठी और अंशु के रुम मे जा दरवाजा बंद कर ली और उसे किस करने लगी हम बहुत दिनो बाद मिले थे तो मै उसे चूसे जा रही थी हमारे शरीर एक दूसरे मे समा जाना चाहते थे हमारे कपड़े उतर गए और हम कम्बल ओढ़ एक दूसरे को चूसने लगे मै उसे खा जाना चाहती थी वो मेरे मम्मे चूस रहा था।
तभी बिल्लो दरवाज़ा पिटने लगी हम डर गए हम अलग हुए और जल्दी से कपड़े पहने मै बेड के नीचे छुप गई।
अंशु ने दरवाज़ा खोला।
अंशु; क्या है?
बिल्लो: दीदी कहा है?
मै बेड के नीचे से देख रही थी वो अंदर आ गई।
अंशु: ओए हेलो तुम्हें कोई मैनर है कि नही इस तरह किसी लड़के के रुम मे इतनी सुबह आया जाता है क्या?
बिल्लो: दीदी कहां है?
अंशु: मुझे क्या पता?
बिल्लो बेड के नीचे देखती है।
बिल्लो: क्या कर रही हो यहां?
मै:(बाहर निकलती हुं, मेरे सिर पर पसीना था) मै अरे वो मै हैप्पी न्यू ईयर कहने आई थी।
बिल्लो: एक दिन पहले। सच सच बताओ क्या कर रहे थे।
मै कुछ नही बोली।
बिल्लो: मै बोली थी ना की जिस दिन रंगे हाथों पकड़ लूंगी वो दिन तुम्हें हमेशा याद रहेगा।
मै रोने लगी अंशु ने मुझे गले लगा लिया। मुझे चुप कराने लगा।
अंशु: क्या कर लोगी, हां हम प्यार करते हैं बोलो क्या कर लोगी।
बिल्लो: शायद तुम अभी सिचुएशन समझ नही रहे हो।
अंशु: क्या समझना है हम दोनो प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं।
बिल्लो: मैने तुम दोनो को अभी रंगे हाथ पकड़ा है ये है असली सिचुएशन।
अंशु: तो क्या कर लोगी?
बिल्लो: ये क्या कर लोगी जब मुझे कोई बोलता है मेरी कानों को बहुत मीठा लगता है।
वो कोई विलन जैसी बोल रही थी।
अंशु: अच्छा ठीक है एक बार और बोलता हूं क्या कर लोगी।
बिल्लो: मै अभी सोर कर सबको बता सकती हूं कि तुम मेरी बहन की इज्जत लूट रहे थे।
अंशु : कौन विश्वास करेगा तुम पर मुझे सब यहां जानते हैं।
बिल्लो: मै घर वालों को सब बता दूंगी।
अंशु: अच्छा है, वे हमारी शादी जल्दी करवा देगें।
बिल्लो: मै पुलिस बुला लुंगी।
मै: पुलिस वाले भी हम दोनो को जानते हैं।
अंशु और मै हंसने लगे।
अंशु: क्या हुआ सारे पैंतरे फेल हो गए।
बिल्लो: देखो हम सुबह सुबह क्यों फालतू की बहस कर रहे हैं मै सीधे प्वाइंट पर आती हूं। जो तुम लोग अभी कर रहे थे मुझे भी करना है।
अंशु: क्या कर रहे थे हम बस बातें कर रहे थे।
बिल्लो: मुझे मत सिखाओ, बातें करते तो इतनी देर नही लगती दरवाजा खोलने मे।
मै:(रोते हुए) तू मेरी बहन हो कर ये सब क्यों कर रही है।
बिल्लो; (मेरे गाल पकड़ मेरी आंखों मे देखती है) रोना बन्द कर पहले तू अच्छी तरह जानती है मै तेरी शादी मे रोड़ा अटका सकती हूं।
मै: हुं।
अंशु: देखो बिल्लो मै समझा रहा हूं तुम्हें ऐसा मत करो।
बिल्लो: होने वाली साली को नाम से पुकारते हो।
अंशु: ठीक है साली साहिबा हमे अब परेशान मत करो।
बिल्लो; तू मेरा जीजा है तो मेरा तुझ पर हक है कि नही।
अंशु; हक है बिल्कुल है।
बिल्लो: तो मुझे प्यार करो मुझसे महारानी की तरह बर्ताव करो।
अंशु: फालतू बातें मत करो।
बिल्लो: ठीक है मै मां को फोन कर तुम्हारी रंगरलियों के बारे मे बता देती हूं।
अंशु: एक ही धमकी कितनी बार दोगी।
बिल्लो: ठीक है तुम हल्के मे ले रहे हो, मै शायद तुम्हारी शादी ना रोक पाऊं लेकिन अगर सबको पता चल गया कि तुम लोग ये सब कर रहे हो तो तुम्हारे इज्जत की धज्जियां उड़ जाएंगी, ये छोटा कस्बा है यहां बात आग से भी तेज फैलती है।
हम दोनों चुप हो गए।
बिल्लो: मां यहां आ जाएगी शायद तुम्हारी जॉब भी छुड़वा दे, वो नही तो कम से कम तुम्हें यहां रहने नही देगी और जीजा जी आपके भाई की स्कूल मे क्या इज्जत रहेगी। आपकी बहन की शादी भी करनी है।
अंशु गुस्से मे उसका गला पकड़ लिया बिल्लो भी उसका गला पकड़ ली।
वो दोनो लड़ने भिड़ने पर उतारू हो गए थे।
बिल्लो ब्लैक बेल्ट चैम्पियन है मै डर गई कहीं नाजुक जगह मार देगी तो मुसीबत हो जाएगी।
मै दोनों को छुड़ाने लगी दोनो एक दूसरे को नही छोड़ रहे थे हालांकि गला जोर से नही दबा रहे थे।
दोनो एक दूसरे की आंखों मे देख रहे थे।
मै हटा रही थी।
मै: छोड़ो एक दूसरे को तुम दोनो को मेरी कसम है।
दोनो छोड़ देते हैं।
बिल्लो: क्या हुआ तुम्हारी बहन के बारे मे बोली तो बुरा लगा ना। और तुम मेरी बहन के साथ गलत कर रहे हो तो मुझे कितना बुरा लगा।
अंशु: सॉरी, मुझे ये सब नही करना चाहिए था।
मै: बिल्लो तू अच्छी तरह जानती है, कि मै अंशु को पसंद करती थी उसने कुछ गलत नही किया मैने ही उसे कहा था, और हम शादी कर लेंगे।
बिल्लो: मुझे कब बताया तुने।
मै: बताई नही तो अब तो जान गई।
बिल्लो: वही तो मै चाहती हूं कि इसने मुझ जैसी हुस्न की मलिका की तरफ देखा भी नही, अब मेरी जिद बन गई है कि मै इसे पा कर रहूंगी। अब इससे कहो कि मुझे प्यार करे।
अंशु: जो तुम चाह रही हो वो हवस है प्यार नही।
बिल्लो: और तुमलोग जो कर रहे थे वो क्या था?
हम चुप हो गए।
मै अंशु को मनाने लगी कि प्लीज ये जो बोल रही है कर दो।
वो मना करने लगा मेरे ज्यादा इनसिस्ट करने पर उसकी आवाज़ रोने जैसी हो गई।
बिल्लो ने अचानक उसके पीठ पर मार दिया उसके हाथ से बहुत चोट लगता था।
अंशु रोने लगा।
मै:( रोते हुए) पागल है क्या मार क्यों रही है।
बिल्लो: अभी और मारूंगी।
उसने फिर मार दिया।
मै: ठीक है तु बड़ी ब्लैक बेल्ट चैम्पियन है ना जान से मार दे हमें। अरे हमने क्या बिगाड़ा है तेरा तु क्यों ऐसा कर रही है इससे अच्छा तो तु हमें जान से मार दे।
मै अंशु से लिपट कर रो रही थी। उसने फिर अंशु को 2,3 थपड़ मार दिया ।
बिल्लो: रो क्यों रहा है औरतों की तरह लड़ ना। अब सिचुएशन पता चला।
मै जोर जोर से रोने लगी अंशु के गाल लाल कर दिए थे उसने मार कर।
अब उसने उसके बाल पकड़ ली और जोर से खींच दी
और कान के नीचे ज़ोर से मार दी वो बेहोश हो गया मै उससे लिपट गई बिल्लो ने अपने पैर से मार मुझे उससे अलग करने लगी मै रोती हुईं उससे चिपकी रही।
मै गिड़गिड़ाने लगी लेकिन वो पैर से टटोलती रही।
फिर बाहर चली गई मै अंशु से लिपट रोती रही वो बेहोश था मुझे ध्यान आया तो मै उठ कर पानी लाई और उस पर छींटा थोड़ी देर मे उसे होश आया मै उससे लिपट गई हम दोनो रो रहे थे हम बहुत देर रोते रहे।
रोते रोते हम थक गए।
मै उसे उठाई 9 बज गए थे। हम बेड पर बैठ गए।
थोड़ी देर मे अंशु के भईया का फोन आया की अगले दिन न्यू ईयर है तो घर आ जाओ सब।
हम जल्दी से उठे मैने खाना बाना कुछ नही बनाया और तैयार होने लगी।
बिल्लो ने पुछा कहां जा रही हो मै कुछ नही बोली।
हम दोनो जल्दी से तैयार हो गए अंशु ने बाईक निकाल ली बिल्लो भी बाहर आ गई। और पुछने लगी कहा जा रही हो तुम दोनो।
मै कुछ नही बोली मै और अंशु बाईक पर बैठ गए और निकल गए।
कुछ दूर ही गए थे की पीछे से स्कूटी ले बिल्लो आती दिखी। हम चलते रहे कुछ 20 केएम चलने के बाद हम अंशु के घर पहुंच गए, कुछ देर मे बिल्लो भी पहुंच गई।
मै पहली बार अंशु के घर आई थी मै सबसे मिली। हमारा तो न्यू ईयर तो बिल्लो ने बर्बाद ही कर दिया था फिर भी हम ऊपर से खुश दिखाने की कोशिश कर रहे थे।
रात हो गई तो हम खाना खा अंशु के बहन के रुम मे मै और बिल्लो सोने चले गए।
मै बिल्लो से बात नही कर रही थी। अंशु की बहन समझ जाती है कि मै उससे नाराज हुं उससे बात कर मुझे बहुत अच्छा लगा।
अगले दिन हम न्यू ईयर मनाया और शाम को हम आने लगे।
जीतू: आप और बिल्लो स्कूटी से आ जाइए और मै और अंशु बाईक से कुछ सामान लेकर चलते हैं।
मै: क्या सामान है।
जीतू: कुछ अनाज है।
जीतू कुछ और लाने अंदर गए मै अंशु को इशारा की उसने अनाज का बोरा उठाया और बाईक पर रख दिया मै पीछे बोरा पकड़ कर बैठ गई और हम चलने लगे।
हम घर पहुंच गए हमारे पास चाभी नही थी कल लास्ट मे बिल्लो निकली थी तो उसके पास चाभी थी कुछ देर इंतजार किया तो वो दोनो भी आ गए।
अब रात को हम घर से खाना लाए थे वहीं खा कर सो गए।
अपने रूम मे जाते ही बिल्लो बोलने लगी।
बिल्लो: क्या हुआ बात क्यूं नही कर रही है।
मै कुछ नही बोली।
बिल्लो: तु किसी लड़के के लिए अपनी सगी बहन से बात नही कर रही है।
मै: कोई लड़का वो तुम्हारे लिए होगा, मेरे लिए वो मेरी जान है, तूझे बिल्कुल भी शर्म नही आई उसपर हाथ उठाते जिसने तेरी बहन की इज्जत बचाई।
उस दिन अगर वो नही होता तो तेरी ये बहन यहां नही होती।
बिल्लो चुप हो गई।
मै सुबक सुबक कर रोने लगी।
बिल्लो मुझे चुप कराने लगी मुझे गले लगाने लगी मै उससे दूर हटने लगी लेकिन उसकी मजबूत बाहों से बाहर नही निकल पाई और वैसे ही सो गई।
सुबह उठ मै तैयार हो गई जीतू जी खाना बना रहे थे हमने खाना खाया और मै बैंक चली गई।
शाम को आई तो जीतू नही थे मै डर रही थी कि फिर कहीं वो मार पिट ना करे।
अंशु ने बताया कि आज वो कोचिंग नही गया बिल्लो ही बाईक लेकर गई। उसके भईया का स्कूल ठंड की वजह से 7 दिन के लिए बन्द हो गया तो वो घर चले गए।
हमने खाना बनाया सभी खाना खाने लगे।
बिल्लो: मुझे तुमलोगों से कुछ बात करनी है।
हम कुछ नही बोले मै डर रही थी कि कहीं ये फिर मार पिट करेगी।
मैने अंशु को इशारा किया कि जल्दी से कमरे मे चला जाए और दरवाज़ा बंद कर ले।
वो नही गया।
खाना खाने के बाद।
बिल्लो : देखो परसों जो भी हुआ वो बहुत गलत हुआ लेकिन उसका मुझे जरा भी अफसोस नही है।
हम कुछ नही बोल रहे थे।
बिल्लो: ओए तु दरोगा बनने की सोच रहा है ना, लेकिन तु कितना कमजोर है एक लड़की से मार खा गया।
अंशु: तुम्हारी दीदी की वजह से मै चुप था नही तो बताता तुम्हें।
बिल्लो: ठीक है अभी लड़ लेते हैं देखते हैं कौन जीतता है।
अंशु: मै तुमसे मुंह नही लगाना चाहता।
बिल्लो: क्यों डर गया क्या?
मै: क्यों परेशान कर रही है हमें!
बिल्लो: समझ नही आया क्या, मै तुम दोनो का टेस्ट ले रही थी प्यार का।
मै: ऐसे मारपीट कर।
बिल्लो: हां और कैसे लिया जाता है, ये कल को दरोगा बनेगा तो कैसे अपराधी को पकड़ेगा किसी ने टॉर्चर किया तो कैसे झेलेगा।
मै: तू क्यों हमें टॉर्चर कर रही है?
बिल्लो: देख ये हनी ट्रैप मे तो नही फंसेगा लेकिन किसी से लड़ नही पाएगा। मार खा जाता है।
अंशु: मै सारा दिन ये कर सकता हूं क्या सारा दिन तुम मुझे मार सकती हो।
बिल्लो: एक झापड़ मे बेहोश हो गया था तु।
मै: अब बकवास बंद करो और हमे सोने दो हर जगह ताकत की जरुरत नही होती।
बिल्लो: कल से इसकी ट्रेनिग शुरु करती हूं मै।
अंशु: मुझे ट्रेनिंग की जरुरत नही है वो भी तुमसे।
बिल्लो: ज्यादा बोले तो अभी एक झापड़ लगा दुंगी तो यहीं ढेर हो जाओगे।
अंशु: इतनी ही ताकत है तो अच्छे काम मे क्यों नही इस्तेमाल करती, जाओ कहीं किसी लड़कियों को ट्रेनिग दो।
बिल्लो: अच्छा आइडिया दिया तुमने।
मै उठ गई और अंशु को उसके रूम मे भेज दी और मै अपने रूम मे आकर सो गई।
अगले दिन उठी और खाना खा अंशु को अपने साथ लेकर गई मै डर रही थी कि अकेले मे इसके साथ कहीं वो मार पिट ना कर दे।
अगले दिन सन्डे था काम भी बंद था लिंटन लेवल तक काम हुआ था छत पर।
दोनो की कोचिंग भी बंद हो गई ठंड की वजह से।
हम घर पर ही थे।
सुबह उठ बिल्लो ने अंशु को जगाया और पीछे गार्डन मे ले गई मै भी पिछे गई उसने कुछ एक्सरसाइज करवाई।
फिर पुश अप्स मारने को कही अंशु ने 100 पुश अप्स किए बिल्लो ने 500 पुश अप्स किए।
धीरे धीरे हम बिल्लो से बात करने लगे उसने कुछ और एक्सरसाइज करवाई। मै वही खड़ी थी।
फिर 9 बजे मै खाना बनाई और वो दोनों नहा लिए और हमने खाना खाया।
बिल्लो: तो कैसा लगा ट्रैनिंग।
अंशु: तुमने ये सब कहा से और कब सीखा।
बिल्लो: पापा के डेथ के बाद मै काफी उदास थी मुझे कुछ सूझ नही रहा था तो मै कराटे और मार्शल आर्ट की क्लास ज्वाइन कर ली।
अंशु: मेरे पास एक आइडिया है तुम हाई स्कूल मे जाकर वहां की लड़कियों को क्यों नही सिखाती, मै भईया से बात कर लुंगा।
बिल्लो: मै भी रात को यहीं सोच रही थी।
अंशु: बहुत अच्छी बॉडी बना ली है तुमने।
बिल्लो: अभी देखी कहा है रूक दिखाती हूं तुझे।
वो रूम मे गई और कुछ देर बाद सिर्फ स्पोर्ट्स ब्रा और नीचे टाईट पैंट पहन कर आई।
मै: ये क्या पहन कर आई है।
बिल्लो: देख मेरे एब्स देख।
वो हमारे सामने खड़े हो एब्स दिखा रही थी मै पहली बार बिल्लो को इतने कम कपड़ों मे देख रही थी मै कभी उसकी बॉडी नही देखी थी।
उसके सपाट पेट पर एब्स बने हुए थे एक दम गोरी चिकनी उसने अपने आर्म्स दिखाए एक दम टाईट अब वो अपनी जांघ दिखाने लगी पतली टांग और जांघ छुई तो एक दम पत्थर की तरह टाईट थे।
वो किचेन से एक सेब लाई।
बिल्लो: मेरी ताकत देखना चाहोगे,।
उसने सेब को अपने हथेली मे रख जोर से दबाई और मसल दिया वो सेब को संतरे जैसा मसल दी।
बिल्लो: देख सेब कैसा हो गया सोच तेरे अखरोट दबा दूं तो क्या होगा तेरा।
अंशु हंस पड़ा।
मै: चल जा अब कपड़े पहन ले।
उसने अब अपनी गांड़ दिखाती हुई चूतड दिखाने लगी और छूने बोली। मै छुई तो एक दम सख्त थे गोल गोल थे।
अब वो चली गई और कपड़े पहन कर आ गई और हम बातें करने लगे।
अब हम यूंही रहने लगे अगले सैटरडे को मेरी छूट्टी थी तो मै घर पर ही थी अंशु के भईया खाना खा स्कूल चले गए। हम खाना खा बैठे थे।
बिल्लो: इतनी ट्रेनिंग दे रही हुं फीस क्या दोगे।
अंशु: फीस की बात मेरी होने वाली बीबी कर लेगी।
बिल्लो: तू देगी फीस।
मै: हां।
बिल्लो: जो भी मै मांगू देगी।
मै: हां जो भी तू मांग।
बिल्लो: ठीक है मुझे तेरा ये आशिक चाहिए एक दिन के लिए।
अंशु: देखो बिल्लो तुमने उस दिन हमारे साथ बुरा बर्ताव किया हम कुछ नही बोले, हम पिछले सात दिनों से कितने खुश हैं फिर तुम वहीं फालतू की बात कर रही हो।
बिल्लो: पिछले दिनों मै कुछ नही बोली क्योंकि मेरे पीरियड आए थे कल खत्म हुए हैं तो बोल रही हूं।
अंशु जाने लगा बिल्लो उसको दीवाल से सटा उसके कन्धे पर पैर रख देती है।
उसने एक 5फूट 8 ईंच के लड़के पर एक पैर रख दी थी और एक पैर उसका जमीन पर था वो उसकी आंखों मे आंखें डाल रही थी।
मुझे लगा अब ये फिर मार पिट करेगी। मै उठ कर उनके बीच आ गई और अंशु को ले रूम मे जा कर उसे समझाने लगी।
अंशु: ऐसे जबरदस्ती प्यार नही होता यार उसके लिए फीलिंग चाहिए।
मै: प्लीज मेरी खातिर मान जाओ।
कुछ देर मे वो मान गया।
बिल्लो: क्या हुआ क्या सोचा?
अंशु: देखो ये सब करने के लिए फीलिंग चाहिए जो मुझे अभी आ नही रही है।
बिल्लो: तो मै क्या करूं दुल्हन बन जाऊं।
मै: हां ये ठीक रहेगा।
बिल्लो: तो चल शॉपिंग करते हैं।
अंशु बड़े बेमन से राजी हुआ।
हमने जा कर दोनों के लिए लहंगा चोली ले लिया और अंशु के लिए भी शेरवानी ले ली, मैने एक रूम हिटर ले ली और घर आ गए।
धीरे धीरे अंशु भी हमारा मन रखने के लिए मान गया। अब रात मे हमने जल्दी खाना बना खा लिया।
अब हम दोनो तैयार हुई अंशु भी तैयार हो गया हम दोनो बहने अंशु को अपने रूम मे बुलाई।
वो अन्दर आ गया पुरा सुहाग रात वाला माहौल लग रहा है।
अंदर आते ही बिल्लो उसे किस करने की कोशिश करने लगी। अंशु ने उसे रोक दिया।
बिल्लो कुछ बोलने लगी तो अंशु ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और उसकी आंखों मे देखने लगा।
बिल्लो बहुत खूबसूरत थी उसकी बॉडी जिम्नास्टिक थी तो पतली कमर पर लहंगा जंच रहा था।
मै भी बहुत खूबसूरत हुं।
अंशु: तुम्हें आज महारानी वाली फीलिंग कराता हूं।
अंशु उसे बेड पर बिठा देता है खुद उसके पैरों मे बैठ जाता है बिल्लो बडे़ ही अदा के साथ अपने पैर उसके सीने पर रख देती है।
अंशु पैर पकड़ सहलाता है फिर चूम लेता है बिल्लो मुस्कुराती है। अंशु उसके पैर के उंगलियों को चूसने लगा उसके तलबे चूसने लगा।
मुझे बड़ा अजीब लग रहा था।
मै: पैर भी कोई चूमने की चीज है।
अंशु मुझे भी बिल्लो के बगल मे बिठा देता है और मेरे पैर चूमने लगा मै छुड़ाने कि कोशिश करने लगी वो मेरी उंगलियां चूसने लगा मेरे तलबे चूसने लगा मुझे गुद गुदी हो रही थी अब मुझे मजा आने लगा।
अब वो दोनो के पैर चूसते हुए ऊपर जाने लगा हमारे लहंगे उठाते हुए हमारे जांघ चूसने लगा।
मेरे गुल गुल जांघ पर वो दांत गडा देता तो मेरी आह निकल जाती बिल्लो के सख्त जांघ एक दम चिकनी और टाईट थी।
अब वो खड़ा हो गया और दोनों के एक एक हाथ अपने दोनो हाथों मे ले चूमने लगा अब हमारी कांख चूसने लगा।
अब बिल्लो के गले को चूमते चूसते वो उसके पतले होंठ चूसने लगा बिल्लो जोर जोर से उसके रसीले होंठ चूसने लगी वो काफ़ी जोश मे आ गई और उसके होंठ काटने लगी।
अंशु ने उसके चेहरे को दोनों हाथों मे पकड़ अपने दांत से उसके होंठ खींच उसे शांत किया।
बिल्लो काफी मदहोश हो गई थी उसकी नशीली आंखें और नशीली हो गई थी।
अब अंशु ऊसके गले कान गर्दन कंधे चुसने लगा अब वो सीने चूसने लगा बिल्लो अपना सिर पिछे कर सी सी करने लगी।
अब उसने चोली खोल दी बिल्लो बड़ी सेक्सी ब्रा पहनी थी।
वो ब्रा को चूमने लगा ब्रा के ऊपर मम्मे चूसने लगा क्लीवेज चुसने लगा। अब हाथ पीछे ले जा उसने ब्रा खोल दी बिल्लो के चूंचे बाहर आ गए।
उसके चूंचे एक दम तने हुए थे 32 साइज के निप्पल छोटे चने जीतने थे और बिल्कुल पिंकिश थे। अंशु उसके मम्मे छूता है।
अंशु: ओह माई गॉड ये इतने टाईट और कड़क कैसे हैं? देखो छूकर तुम।
वो मेरा हाथ बिल्लो के मम्मे पर रख देता है।
छूते ही मेरी अदंर जैसे करंट दौड़ गई वो इतने मुलायम थे कि हाथ फिसल जाए और सख्त बिल्कुल सेब की तरह।
अंशु उसे सहलाने लगा।
बिल्लो:आह, अगर दबाया तो मै तेरे अखरोट दबा दूंगी।
अंशु चूसने लगा उसके निप्पल पर जीभ फेरते हुए हल्के हल्के चुसने लगा बिल्लो सिसकारी भरने लगी।
कुछ देर बाद वो उसके पेट पर बने एब्स चूसने लगा उसकी नाभी चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी।
अब उसके पेडू चूसने लगा और उसका लहंगा उतार दिया । बिल्लो बड़ी सेक्सी पैन्टी पहनी थी। उसने मुंह से पैन्टी भी उतार दी। बिल्लो की चूत एक दम चिकनी थी और धंसी हुई उसने सीधे चूत पर मुंह लगा दिया।
अब वो चूत चूसने लगा बिल्लो की आह निकल गई धीरे धीरे बिल्लो काफी जोश मे आ गई और अपनी टांगों को 180° फैला ली उसकी चूत एक दम फैल गई अंशु उसकी चूत जीभ फिरा चूसने लगा।
कुछ देर मे बिल्लो आह आह करते हुऐ झड़ गई। वो रिलैक्स हो गई और बेड पर लेट लम्बी सांसें लेने लगी।
अब अंशु उसके बगल मे लेट गया और उसे किस करने लगा।
अंशु: कैसा लगा?
बिल्लो बहुत अच्छा, लग रहा था मै जन्नत मे हुं।
अब अंशु मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे किस करने लगा मै उसके बालों को सहलाते हुए उसके होंठ चूसने लगी। उसके गाल गर्दन सभी जगह चूसने लगी अब बिल्लो भी उसे चूसने लगी हम दोनो उसके दोनो साईड लेट उसे चूमने लगे।
अब अंशु ने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और बिल्लो ने अंशु के।
अब दोनो बहने अंशु को लिटा चूमने लगी।
हम दोनो उसके गाल कान गले गर्दन होंठ चूसने लगी।
अब हम उसके सिने को चूसने लगी उसके निप्पल काटने लगी उसकी आह निकल जाती अब नीचे आते हुए उसके पेट को चूमने लगी ।
बिल्लो उसका लन्ड पकड़ ली उसका लन्ड एक दम चिकना और लंबा था शायद बिल्लो की पकड़ सख्त थी तो अंशु की आह निकल गई।
अंशु: बिल्लो रानी थोड़ा आराम से।
हम दोनो हंस पड़ी।
मै: देखो ऐसे पकड़ते हैं।
मै हल्के हाथों से पकड़ ली उसका लन्ड एक दम कड़क और गर्म था मै स्किन पकड़ नीचे कर दी बिल्लो शायद पहली बार लन्ड देख रही थी वो लाल सुपाड़ा देख चौंक गई।
बिल्लो: ये ऐसा होता है, मै छू लूं इसे।
अंशु: छु लो लेकिन नाखून मत लगाना और हल्के से छूना।
बिल्लो अपनी एक ऊंगली से सुपाड़े को टच करती है।
बिल्लो: वाओ ये कितना सॉफ्ट है।
मै लन्ड को जड़ से पकड़े थी। तभी बिल्लो उसके गोटे पकड़ लेतीहै।
बिल्लो: दबा दूं।
अंशु; नही अब हटो।
अंशु अब खड़ा हो जाता है।
अंशु: हां तो पहले कौन करेंगी?
बिल्लो: तुम दोनो तो बहुत बार कर चूके हो तो मै ही कर लेती हुं।
अंशु बिल्लो को चूमने लगा उसके बदन को सहलाने लगा उसके कड़क मम्मे सहलाने लगा।
अब बिल्लो को बेड पर लिटा उसकी बूर चूस गिला किया।
अब लन्ड उसकी चूत पर घिसने लगा। अब हल्के से लन्ड दबा दिया बिल्लो आह कर उठी वो उसके ऊपर लेट उसे किस करते हुए हल्के से धक्का लगाया बिल्लो फिर आह कर दी वो उसके होंठ चूसते हुए हल्के हल्के चोदने लगा बिल्लो की आंखे नशीली हो गई अब हल्का सा धक्का दे पुरा लन्ड घुसा दिया बिल्लो की चीख उसके मुंह मे दब गई उसकी आंखों से आंसू आ गए वो उसके पीट नोचने लगी।
मै:(उसके हाथ पकड़ते हुए) बोली थी ना दर्द होगा।
अंशु उसके गर्दन चुसने लगा कुछ देर मे वो थोड़ी नॉर्मल हुई अब हल्के हल्के चोदने लगा बिल्लो को मजा आने लगा वो सिसकारियां भरने लगी आह आह करने लगी मै अंशु के पीट गले गर्दन चूम रही थी वो कभी होंठ चूसते कभी एक दूसरे की गर्दन।
कुछ देर मे दोनों की सांसें भारी होने लगीं 10 मिनट और दोनों चुदाई कर काफ़ी तेज सांसें लेने लगे और किस करते हुए दोनों झड़ गए।
अंशु उसे बांहों मे भर सहलाते हुए उसके कान चूसता रहा कुछ देर बाद उसका लन्ड उसकी चूत से निकल गया।
अंशु: कैसा लगा बिल्लो रानी?
बिल्लो: पहले तो थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मजा भी बहुत आया।
मै उसकी चूत देख रही थी।
बिल्लो: क्या देख रही हो, ब्लड नही आया तो तुमलोग ये तो नही सोच रहे हो की मै पहले करवा चुकी हूं।
अंशु: अरे नही हम ऐसा नही सोच रहे हैं सबको बल्ड थोड़े आता है और तुम तो जिमनास्ट हो।
वो उसके पेट और बाजू के एब्स चुसने लगा।
दोनों की गर्मी उतारने के बाद उन्हें ठंड लगने लगी तो दोनो कम्बल ओढ़ने लगे मै भी उनके बीच चली गई और अंशु को किस करने लगी बिल्लो मेरे बूब्स दबा दी मेरी आह निकल गई।
बिल्लो: तेरे बूब्स कितने सॉफ्ट हैं बिल्कुल गुल गुल।
मै उसके मूंह मे अपने बूब्स डाल दी वो उसे चूसने लगी अंशु भी एक बूब्स चूसने लगा। मै दोनो के सर सहलाने लगी।
कुछ देर मे मै काफी गर्म हो गई, अब अंशु ने मेरी चूत मे लन्ड डाल दिया और मेरी चुदाई शुरु कर दीमै बहुत दिन बाद चुदवा रही थी तो मै बहुत मजे ले रही थी।
मै उस रात 4 बार चुदाई मै तर गई फिर सुबह मे भी चुदाई।
सुबह हुई तो हम नंगे ही उठे।
बिल्लो: आह तुमलोग कितना चुदाई कर रहे हो मेरी तो बूर मे दर्द हो रही है।
अंशु: (उसकी बूर चूम लेता है) लाओ मै सिकाई कर देता हूं।
मै कपड़े पहन गर्म पानी लाती हूं और अंशु उसकी बूर सेंकने लगा।
कुछ देर बाद हम सब उठ फ्रेस हुए और सब नहा लिए मै खाना बनाने लगी हम खाना बना खा लिए और बैठ कर बातें करने लगे।
बिल्लो: तो तुमलोग शादी कब कर रहे हो?
मै: अभी कहां अभी इसकी बहन की शादी होगी फिर इसके भईया की शादी होगी फिर हमारी होगी।
बिल्लो: मेरे पास एक आइडिया है क्यों ना हम अपने भाई की शादी इसकी बहन से करा दें इसकी बहन मुझे काफी पसन्द आई।
मै: हां वो मुझे भी काफी अच्छी लगी। अंशु तुम मेरे भाई की फोटो देख लो।
अंशु भी बोला कि ठीक है।
हम खुश हो गए।
अंशु: लेकिन भईया से बात कर लेना पहले।
अब शाम को उसके भईया आ गए हम सब रात को खाना खा लिए अंशु और बिल्लो अपने अपने रूम मे पढ़ने चले गए मै और जीतू जी वहीं हॉल मे कुर्सी पर बैठे थे।
मै: बहन की शादी की कहीं बात चली?
जीतू: अरे कहां अभी , एक रिश्ता आया था वोमम्मी को अच्छा नही लगा।
मै: एक बात कहूं, मुझे आपकी बहन बहुत पसन्द आई।
जीतू: हां तो।
मै: वैसे तो ये बातें फैमिली के बड़े लोग करते हैं लेकिन मेरे पापा नही हैं तो जो हूं मै ही हूं तो मै सोच रही थी कि क्या आप अपनी बहन की शादी मेरे भाई से करेगें।
जीतू: आपका भाई आप से छोटा है ना।
मै: हां तो क्या हुआ।
मै उन्हे अपने भाई की फोटो दिखाई उसके जॉब के बारे मे बताया।
जीतू: लड़का तो ठीक है लेकिन पहले आपको शादी करनी चाहिए आप बड़ी हैं।
मै:(हंसते हुए) पहले आप अपनी बहन की शादी करिए फिर अपनी करिए फिर मै करुंगी।
जीतू: वो तो ठीक है लेकिन हमारी शादी से आपका क्या लेना देना?
मै:(शर्माते हुए) कुछ दिन पहले आपने रोड़े की बात की थी।
जीतू: हां की थी।
मै: (शर्माते हुए)आप ही रोड़ा हैं।
जीतू: मै कुछ समझा नही।
मै: मै अंशु से शादी करना चाहती हूं तो पहले आप अपनी बहन की शादी कर लो, फिर अपनी कर लो फिर हमारी करवा दो।
मै एक ही सांस मे बोल दी।
जीतू जी थोड़ा चौंके थोड़ा शर्माए।
जीतू: (हंसते हुए)क्या ये सब कब हुआ?
मै: (शर्माते हुए) बस हो गया,।
जीतू: वो तो ठीक है लेकिन इसकी अभी जॉब नही लगी है तो इसकी अभी शादी करना ठीक होगा क्या?
मै: अरे बिहार दरोगा का तो सब क्लीयर हो ही गया है बस मेरिट बनना बाकि है।
जीतू: अरे बिहार सरकार का कोई भरोसा नही है उसका कब ज्वाइन कराएगा कब कोई केस कर बहाली लटका देगा।
मै: नही भी हुआ तो आगे कुछ और होगा मै हूं ना मै सब देख लुंगी।
जीतू: ठीक है जब आप दोनो राजी तो क्या करेगा काजी।
मै:( हंस दी) पहले अपनी बहन की कीजिए फिर अपनी फिर हमारी।
जीतू: आप लोग तो अपनी अपनी खोज चूके हो तो आप ही पहले कर लो मै बाद मे कर लूंगा।
मै: अरे नही ऐसे कैसे पहले आप करो फिर हम करेंगें।
जीतू: नही मेरे चक्कर मे आप लोग काफी लेट हो जाओगे तो पहले ही कर लो।
इतने मे बिल्लो बाहर आ गई।
बिल्लो: मै कुछ बोलूं?
जीतू: हां बोलिए।
बिल्लो: ऐसा करते हैं आप मेरे भाई की अपनी बहन से और इसकी अपने भाई से शादी करा दीजिए और मै आपसे कर लूंगी।
जीतू और मै चौंक गए और हंसने लगे।
जीतू: लगता है सारी शादियां आज ही हो जायेंगी।
बिल्लो: (उनके गोद मे बैठ उनके आंखों मे देखने लगी) मै बता देती हूं मुझे झूठ बिल्कुल पसन्द नही है और ये दोनो सब कुछ कर चूके हैं और मै भी इनके साथ कल कर चुकी हूं। आपको कोई ऐतराज तो नही।
जीतू थोड़े अनकंफर्टेबल हो गए।
मै: ये क्या बकवास कर रही है।
बिल्लो: मै तुम्हारी तरह कुछ छुपाती नही हुं।: वो उनके गोद से उतरने लगी)
जीतू:(उसके कमर को पकड़ बैठाते हुए, मुसकुराते हैं) ठीक है।
बिल्लो उसके गले लग जाती है।
जीतू: अब जरा बाबू साहब को भी बुलाओ।
बिल्लो अंशु के कमरे मे जाती है और उसे पकड़ कर लाती है, ।
जीतू:(डांटते हुए) क्या जी यहीं पढ़ाई कर रहे हो तुम, क्या सुन रहा हूं मै की तुम किसी के प्यार मे हो, बताओ सच है या नही।
अंशु चौंक जाता है और कुछ नही बोलता।
बिल्लो:(अंशु के गाल पर चूम लेती है) ओहो क्यों डांट रहे हो मेरे प्यारे देवर को।
अंशु उसे दूर हटाता है उसे कुछ समझ नही आ रहा था हम तीनो हंस रहे थे। कुछ देर उसकी और खिंचाई के बाद हम उसे सब बता देते हैं वो राहत की सांस लेता है। वो बहुत खुश होता है।
अब हम सभी अपने अपने कमरे मे सोने चले जाते हैं।
मै अपने भाई को फोन करती हूं।
मै: तेरे लिए एक लड़की देखी हुं बहुत सुन्दर और संस्कारी है तु बोल तो आगे बात करूं।
भाई: दीदी पहले आप शादी करो फिर आप जिससे बोलोगे मै कर लूंगा।
मै उसे सरप्राईज करना चाहती थी तो मै उसे अपने और अंशु और बिल्लो और जीतू के बारे मे नही बताई।
मै: देख तु मेरी जिम्मेदारी है पहले तेरी और बिल्लो की शादी कर दूंगी तब मुझे चैन मिलेगा।
मां: ऐसा कहीं होता है की बड़ी बहन जवान बैठी हो और वो भाई की शादी की बात कर रही हो।
भाई: मै कुछ दिन बाद छूट्टी मे घर आऊंगा तब बात करते हैं।
अब बिल्लो सो गई तो मै अंशु को टेक्स्ट कर ट्री हाऊस मे चलने बोली।
मै चुपके से रूम से बाहर निकली वो भी बाहर निकला और हम धीरे से पीछे का दरवाज़ा खोल ट्री हाऊस मे आ गए।
अंदर जाते ही उसने कहा कि बहुत खिंचाई की आप सब ने मेरी। मै उसके होठों पर होंठ रख चुसने लगी हम दोनो जोर जोर से किस कर रहे थे।
फिर हमने सारे कपड़े उतारे और कम्बल ओढ़ चुदाई करने लगे उस रात हमने 3 बार चुदाई करी और वही सो गई फिर सुबह जल्दी उठ नीचे आ गई।
अब कुछ दिन यूंही गुजरने लगे।
मै बैंक चली जाती और जीतू के साथ बिल्लो कोचिंग के बाद उनके स्कूल मे लड़कियों को फ्री कराटे सिखाती शुरु मे तो गांव की वजह से तो कम लड़कियां तैयार हुई फिर बहुत लड़कियां सीखने लगी।
मै अब कभी कभी चुपके से रात मे ट्री हाऊस मे चली जाती और सेक्स करती।
एक रात मै गई और अंशु को किस करने लगी तभी नीचे से किसी के आने की आवाज आने लगी अंशु ने देखा तो बिल्लो थी वो अन्दर आ गई।
अंशु: तुम यहां क्या कर रही हो?
बिल्लो:(उसके कान मरोरते हुए) मै तुम्हारी होने वाली भाभी हुं मुझसे आप कह कर बात किया करो।
अंशु: जी भाभी जी, आप बताने का कष्ट करेंगी की आप यहां क्या कर रही हैं।
बिल्लो: तुम लोग तो मजे ले रहे हो और मै तड़प रही हुं, तुमने जो आग लगाई थी एक महीने पहले उसे बुझाने आई हूं।
अंशु: भाभीजी अपनी आग आप अपने पति से बुझाने बोलो।
मै: हां देखो पहले तो जो हुआ सो हुआ लेकिन अब ये सब करना उनके साथ धोखा होगा।
बिल्लो: कुछ धोखा नही होगा मै उनको बता दूंगी।
अंशु: नही मुझे कुछ ठीक नही लग रहा है।
बिल्लो: मै तुम्हारी भाभी हूं मेरी हर बात तुम्हें माननी होगी।
मै: अरे इसे समझाने का कोई फायदा नही है आओ हम लोग प्यार करें।
मै अंशु को किस करने लगी बिल्लो ने उसे खींच लिया।
बिल्लो: मेरे देवर पर पहले मेरा हक है।
मै:(हंसते हुए)अच्छा ठीक है देवर की भाभी पहले तू ही कर।
वो अंशु का कॉलर पकड़ उसे किस करने लगी उसके गाल काटने लगी उसे चूसने लगी फिर उसे धक्का दे लिटा उसके ऊपर लेट उसका शर्ट उतार उसके सीने को चूसने लगी अब उसका पैन्ट उतार दी अब हम दोनो भी अपने कपड़े उतार दिए।
अंशु उसकी चूत चाट उसे गिला किया और उसके ऊपर चढ़ चोदने लगा वो आह आह करने लगी अब वो डॉगी स्टाइल मे चोदने लगा अब उसे अपने ऊपर लिटा उसे चोदने लगा बिल्लो जोर जोर से कमर उठा कूद रही थी और चुदवा रही थी ज्यादा उछलने से उसका सिर छत मे सट जाता और ट्री हाउस हिल जाता।
मै: ज्यादा जोर से मत उछल नही तो ये टूट जाएगा।
वो उसके खड़े लन्ड हल्के हल्के उछलने लगी।
कुछ देर मे वो दोनो झड़ गए।
अब अंशु मुझे चोदने लगा मै मजे ले आह उह करते हुए चुदाने लगी।
कुछ 30 मिनट मे मै 3 बार झड़ी अब वो भी झड़ गया।
मै: अब तुम जाओ हम सोते हैं।
बिल्लो: नही मै भी यहीं सोऊंगी।
अंशु: अरे दो लोग मुश्किल से सोते हैं तीसरा कैसे सोएगा।
बिल्लो: तुम मेरे ऊपर सो जाओ।
मै: ठीक है मै ही चली जाती हूं।
नही सभी यहीं सो जाओ।
वो जिद करने लगी। फिर हम जैसे तैसे एक दूसरे पर चढ़ कर सो गए।
सुबह मै जल्दी उठी मेरे शरीर मे दर्द था तो मै बैंक मे मेल कर छूट्टी ले ली।
अब दिन मे जीतू स्कूल चले गए हम तीनो आराम करने लगे मै अंशु की मालिश कर दी और उसने मेरी और बिल्लो की मालिश कर दी।
बिल्लो: वाह देवर जी तुम तो बड़ी अच्छी मसाज करते हो सारा दर्द ही भाग गया।
अब हम सो गए।
अगले हफ्ते मेरा भाई आने वाला था तो मै 3 दिन की छूट्टी ले ली।
अब सन्डे शाम को मुझे निकलना था तो संडे सुबह ही मै जम कर चुदना चाहती थी क्यूंकि उसके बाद 3 दिन के लिए घर चली जाती और जीतू जी भी अपने गांव वाले घर गए थे। सुबह उठी तो अंशु और बिल्लो एक्सरसाइज कर रहे थे।
कुछ देर बाद वो अदंर आए दोनों पसीने से तर थे।
अंशु ने अपना टी शर्ट उतार दिया मै उसे टॉवल दी पसीना पोछने के लिए बिल्लो भी अपना टी शर्ट उतार दी और पैंट भी उतार दी अब वो सिर्फ स्पोर्ट्स ब्रा और v शेप पैन्टी मे थी। उसके एब्स पसीने मे चमक रहे थे।
वो अंशु से टॉवेल ले ली और उसे बाहों मे भर किस करने लगी अंशु थोड़ा हटने लगा लेकिन बिल्लो उसे कस कर पकड़ी थी।
वो दोनो जम कर किस करने लगे एक दूसरे के पसीने
चूस रहे थे मै भी जोश मे आ गई और अपने कपड़े उतार ब्रा पैंटी मे आ गई और उनसे सट उन्हे किस करने लगी।
अब अंशु मेरे पीछे से मुझे चूमने लगा और बिल्लो आगे से।
वो दोनो मेरे गाल मेरे होठ गर्दन कान गले सब जगह चूसने लगे मेरी आह निकल गई।
बिल्लो मेरी ब्रा खोल मेरे बोबे चूसने लगी।
कुछ देर मे अंशु उसके एब्स चूसने लगा अंशु के भी अब एब्स बनने लगे थे मै उसके सीने को चूसने लगी।
अब अंशु मेरी पीठ चूसते हुए नीचे जा मेरी कमर चूसने लगा मेरी पैंटी उतार मेरी गुडेदार चूतड चाटने लगा बिल्लो भी मेरी चूतड चाटने लगी वो कभी दांत गडा देती।
अब अंशु मेरी बूर चाटने लगा। मेरी आह निकल गई और कुछ देर मे मै झड़ गई वो सारा पानी चाट गया बिल्लो उसका पैंट और चड्डी उतार दी ।
मै वही जमीन पर लेट अंशु को अपने ऊपर खींच ली वो मेरे ऊपर लेट गया और लन्ड घुसा चोदने लगा मै आह आह करने लगी वो मेरे गले को चूसने लगा। कुछ देर मे मै झड़ गई।
मै उसे किस करते हुए उठ गई और कुर्सी पर बैठ गई।
अब बिल्लो उसे किस करने लगी उसके सीने को चूमने लगी। अब बिल्लो ने अपनी टांग उसके कन्धे पर रख दी वो उसकी पैंटी पर से उसकी चूत सहलाने लगा अब नीचे झुक उसे चूमने लगा बिल्लो की आंखें मजे से बन्द होने लगीं।
अंशु उसका ब्रा पैंटी उतार उसके कड़क बूब्स चूसने लगा उसके पेट पर एब्स चूसने लगा उसकी नाभि पेडू चूसने लगा वो आह आह करने लगी अब चूत चुसने लगा।
अब वो खड़े होकर ही उसकी एक टांग उठा उसकी चूत मे लन्ड डाल दिया और चोदने लगा कुछ देर बाद वो लेट कर चुदाई करने लगे कुछ देर मे दोनो झड़ गए।
अब मै एक बार और चुदवा ली हम नहा लिए और खाना बना खा लिए कुछ देर आराम करने के बाद मै और बिल्लो अपने घर चले आए।
शाम की फ्लाइट से मां और भाई भी आ गए।
हम उससे मिल बहुत खुश हुए रात को खाना खा हम बातें करने लगे मै उन्हें बता दी कि अंशु जिस लड़के ने मुझे उस दिन बचाया था उससे मै शादी करना चाहती हूं बिल्लो की शादी उसके बडे़ भाई से करा दूंगी और उनकी बहन बहुत सुन्दर है उसकी शादी मै तुखसे करा देती हूं।
भाई और मां बहुत खुश हुए की मै शादी के लिए मान गई।
थोड़ी देर बाद मां को ध्यान आया।
मां: अंशु तूझसे छोटा है ना?
मै: हां।
मां: तो ऐसा क्यों नही करती की बड़े भाई से तुम और छोटे भाई से बिल्लो की शादी करवा देती।
भाई हंसने लगा।
बिल्लो:(हंसते हुए) हां मम्मी मै भी इसे ये ही बोल रही थी लेकिन ये मान ही नही रही है।
मां को मेरा भाई समझता है फिर मां मान जाती है।
मेरा भाई 45दिन की छूट्टी मे आया था और लगन का महीना भी था तो मै सब कुछ जल्दी से निपटा देना चाहती थी।
मै जीतू को फोन कर दी।
वो अगले दिन ही अंशु अपने मां पापा के साथ आ गए मेरे भाई से मिलने उन्हे मेरा भाई बहुत पसंद आया मां को भी अंशु और जीतू बहुत पसंद आए।
कुछ देर हम यूंही बात करते रहे।
फिर शाम को वे चले गए।
अगले दिन मै अपने परिवार के साथ अंशु की बहन को देखने आ गई मेरे मां और भाई को भी अंशु की बहन बहुत पसन्द आई।
अब अगले दिन मेरा बैंक था तो मै वही रह गई और मां बिल्लो भाई भी रूक गए।
अब शाम को मै जीतूजी से बोल दी की जल्दी से जल्दी सभी एक ही मण्डप मे शादी कर लेते हैं।
जीतू:(हंसते हुए) अरे इतनी जल्दी क्यों है आपको?
बिल्लो: आग आग……..
मै उसका मुंह बंद कर देती हूं।
मै: मेरे भाई की छूट्टी खत्म हो जाएगी उससे पहले सब कर लेते हैं।
जीतू :ठीक है मै घर पर बता देता हूं।
अब रात को मै बिल्लो मां के साथ अपने रूम मे सोने आ गए, मेरा भाई जीतू के साथ उनके रूम मे चला गया और अंशु ट्री हाउस मे चला गया।
अदंर आते ही।
बिल्लो:(हंसते हुए) तीन लोग बेड पर कैसे सोएंगे, जा तू चली जा ट्री हाउस।
मै उसे चुप कराती हुं।
मां: तुम दोनो बहने ना क्या बोलती हो मुझे समझ नही आता।
हम तीनो जैसे तैसे सो गए।
सुबह बिल्लो मां और भाई चले गए हम शादी की तैयारी मे लग गए।
शादी मे मुझे 15 दिन की छूट्टी मिली हमने शादी अंशु के गांव पर ही धूम धाम से किया।
मेरा भाई अंशु की बहन को ले घर चला गया और मै और बिल्लो वही रुक गए।
सुहाग रात पर मै जम कर चुदाई सुबह बिल्लो से पूछी तो वो भी बोली कि उसने भी जम कर चुदवाया।
अब शाम को हम चारों बैठे थे छत पर।
मै: और जीतू सर कैसी रही सुहाग रात?
जीतू: (हंसते हुए,) आपकी बहन ब्लैक बेल्ट चैम्पियन है तो मै तो बहुत डरा हुआ था , कही कुछ किया तो कहीं मार ना दे।
बिल्लो अंशु को उठा लेती है।
बिल्लो:इसे पटक दूं।
मै: तेरा देवर है तू जो कर।
बिल्लो: मै जेठानी ही तेरी तू अब मुझसे आप कह कर बात किया कर।
मै:(हंसते हुए) जी जेठानी जी।
हम सभी हंसने लगे।
अगले दिन हम चारों मेरे घर आ गए। अंशु की बहन अपने भाई से मिल बहुत खुश हुई। मेरी मां भी हमसे मिल खुश हुई।
रात को हमने खाना खाया और बाते करने लगे।
मेरे घर पर 3 कमरे हैं नीचे के फ्लोर पर रेंट लगा है।
अब अंशु मेरा भाई जीतू जी एक कमरे मे सोने चले गए। मै और मां एक कमरे मे और बिल्लो और अंशु की बहन एक कमरे मे।
मै सोने से पहले अंशु की बहन से मिलने आई।
मै: और भाभी कैसी रही सुहाग रात।
वो शर्मा गई।
बिल्लो: भाभी मेरी हैं सिर्फ तेरी ननंद हैं।
भाभी:(हंसते हुए) आप मेरी भाभी मै आपकी भाभी।
मै उसके माथे को चूम ली बिल्लो उसके गोद मे सिर रख लेटी थी। हम बातें करने लगे।
अब एक दिन और वहा रह हम अपने घर आ गए।
2दिन बाद मेरी छूट्टी खत्म हो गई और मै बैंक जाने लगी।
अब यूंही दिन कटने लगे अब अंशु मेरे कमरे मे और बिल्लो जीतू के कमरे मे सोती मै खूब चुदवाती कभी ट्री हाऊस मे भी चुदवाती।
कुछ दिन बाद मेरा भाई भी अंशु की बहन को ले अंशु के घर आ गया उसके मम्मी पापा अपनी बेटी से मिल बहुत खुश हुए।
कुछ दिन मेरा भाई रहा जब उसकी छूट्टी खत्म होने लगी तो वो अपनी बीबी और मेरी मां के साथ बंगलौर चला गया।
मै बहुत खुश थी खूब चुदवाती, जीतू सन्डे को घर जाते
तो बिल्लो भी हमारे साथ सोने आ जाती और हम जम कर चुदाई करते।
कुछ दिनो बाद अंशु का दरोगा का रिजल्ट आ गया और कुछ महीने बाद उसकी ज्वाइनिंग भी हो गई वो चला गया।
अब मै अकेली रह गई मुझे उसकी बहुत याद आती मै तड़पती रहती।
कुछ 7 महीने बाद वो आया मै उसे गले लगा खुब रोई।
मै:(रोते हुए) तुम कहां चले गए थे मुझे छोड़ कर मै तुम्हारे बिना नही जी सकती मै तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं अब चाहे जो हो मै तुम्हें नही जाने दुंगी।
मै खूब रोई।
उसके 7 दिन की छूट्टी मे मै खूब उसे प्यार की खुब चुडवाई।
अब अगले दिन वो जाने वाला था तो मै शाम से ही उसके जुदाई के गम मे रोने लगी।
मै बहुत देर रोती रही।
जीतू जी घर आए तो उन्होने मुझे रोता देखा।
अब रात को हम खाना खा बात करने लगे।
जीतू: क्यों रो रही हैं आप?
बिल्लो: कल अंशु की छूट्टी खत्म होने वाली है इसलिए।
जीतू: इसमें रोने वाली क्या बात है उसका काम ही ऐसा है जाना तो पड़ेगा।
मै:( सुबकते हुए) मेरा मन नही लगता है उसके बिना।
जीतू: मन नही लगता से क्या होगा , मन लगाने के लिए घर पर नही बैठ सकता है ना।
मै: मै हूं ना मै देख लुंगी सब।
जीतू: ये कहने की बात है मै देख लूंगी।
मै रोने लगी और अपने कमरे मे जा गेट बंद कर ली और रोने लगी।
कुछ देर बाद अंशु और बिल्लो ने दरवाज़ा खुलवाने की कोशिश की लेकिन मै नही खोली।
मै अब रोते रोते थक गई।
कुछ देर बाद मै बाहर निकली।
बाहर कोई नही था मै सीधा ट्री हाउस मे चली गई अंशु वहां लेटा था मै उससे रोते हुए लिपट गई।
मै :(रोते हुए) मै तुम्हारे बिना नही रह सकती , मै मर जाऊंगी, अब चाहे मै जॉब छोड़ दूं या तुम छोड़ दो।
मै उसे चूमने लगी वो मुझे प्यार से चुप करा सहलाने लगा मै सिसकती हुई सो गई।
सुबह उठी तो देर हो चुकी थी ट्री हाऊस से निकल रही थी तो जीतू और बिल्लो मुझे अपने पास बुलाते हैं।
जीतू: ऐसे जिद नही करते अभी करने दीजिए बाद मे सोचते हैं कुछ।
मै कुछ नही बोली।
जीतू: क्या सोच रही हैं आप?
मै: मै अभी जा कर रिजाइन कर देती हूं और अंशु के साथ ही चली जाऊंगी।
जीतू: ऐसे भावनाओ मे बह कदम नही उठाया जाता।
बिल्लो: मेरे पास एक आइडिया है, क्यों ना हम आपके गांव मे एक स्कूल खोल ले। आपके गांव के बच्चों को बहुत दूर पढ़ने जाना पड़ता है। फीस कम रखेंगे।
वो पूरा प्लान समझाने लगी।
मुझे उसका आइडिया काफी अच्छा लगा।
मै: आपके पास जमीन तो है ही।
जीतू: ठीक है आपका पति है आप जो करिए।
मै और बिल्लो अंशु को सारा प्लान समझाते हैं।
बिल्लो: ये साला दरोगा का जॉब साले नेताओं की गुलामी करो मुझे अच्छा नही लगता।
अंशु भी मान गया।
अंशु: ठीक है 6 महीने और करता हूं उसके बाद रिजाइन कर दुंगा नही तो पेनल्टी भरना पड़ेगा।
मै: मै भर दूंगी तुम अभी छोड़ दो।
फिर सभी मुझे समझाते हैं तो मै मान जाती हूं।
शाम को अंशु चला जाता है।
अब 6 महीने बाद वो रिजाइन कर आ जाता है इधर जीतू, बिल्लो और मैने सब तैयारी कर दी मै और जीतू जी ने गांव मे और जमीन खरीद पुरे मे पेड़ लगा दिए और एक अच्छा सा स्कूल खोल दी।
बिल्लो और अंशु स्कूल चलाते हैं और शाम को घर आ जाते हैं मै भी बैंक से शाम को आ जाती हूं और अंशु को खूब प्यार करती हूं उसे हमेशा अपने सीने से लगा रखती हूं।