बीवी ने सहेली के पति से गांड मरवा ली – Hot Erotic Sex Kahani, Sex Story
गोकुलधाम ३ से आगे
सुबह के सात बजे दया जेठालाल को उठाती हैं और बापूजी सोफा पर पेपर पढ़ रहे थे और दया की मां जुले पर जुल रही थी।जेठालाल उठ कर तैयार हो कर बहार आता है और सब लोग साथ में चाय नाश्ता कर ते हैं।तब टपु आता है और चाय दूध पीने के बाद वो सब के पांव छू कर कॉलेज के लिए निकल जाता हैं।तब चाचाजी बोले कि जेठिया अब भिड़ीं मास्टर को और माधवी बेटी को बुला दे।तब जेठालाल हां बोलके भिड़े को फोन लगाया है।जेठालाल का फोन नंबर देखते भिड़े बोलता है कि क्या बात है आज सुबह सुबह ही फोन किया।क्या बात है,कोई प्रोग्राम करना हैं समूह में।जेठालाल बोलता है की वो सब बाद में पहले तुम और माधवी भाभी मेरे घर आ जाओ।किसी को साथ में मत लाना। सीरियस बात है।भिड़े और माधवी चिंता में पड़ गए और जल्दी से घर बंध कर के जेठालाल के घर पहुंच गए।

वहां दया की मां को देख कर पूछते हैं की कौन हैं।तब दया बताती हैं कि वो उनकी माताजी हैं और भिड़े और माधवी प्रणाम कर के बैठ गए।तब जेठालाल दया को बात बताने को बोलता हैं और कहता हैं भिड़े शांति से सुनना और चिल्लाना मत। दया बताती हैं की कैसे उसने सोनू और टपु को चूदाई करते हुए पकड़ा था और डांटा था।ये सुनते ही भिड़े आग बबूला हो जाता हैं और टपु को दोषी ठहराते हुए बोलता हैं,माधवी, मैने बोला था की टपु हमारी सोनू को बिगाड़े गा।तब जेठालाल बोलता है भिड़े एक बात बता क्या हम ने जो चूदाई की उसने हम को बिगाड़ दिया?क्या हम लोग खराब हो गए?बता भिड़े,बताओ माधवी भाभी।क्या हमारे संबंध में कोई बदलाव आया?दोनो सर हिला के ना बोलते हैं।क्या तुम को और माधवी भाभी को सोनू के बारे में कुछ पता चला? नहीं ना।तो फिर चिंता क्यूं करता है,किसी को दोष मत दे, हमारे बच्चों ने हमे देख कर ही चूदाई की है।तो दोष तो हमारा ही हुआ।तो आगे की बात सोच की हमे क्या करना है।तो माधवी बोलती हैं कि चाचाजी हैं,दया भाभी की माताजी हैं तो आप लोग ही कहिए की क्या करना है।तब चाचाजी बोले कि जैसे आप लोगो ने अपना रिश्ता बनाया है वो रिस्ते में उन लोगों को जोड़ के अपनी निगरानी में रखा करो जिस से वो लोग किसी अनजान लोगो में फस न जाए।क्या कहते हो समधनजी?दया की मां बोली: जैसे समधीजी ने बताया वैसे बच्चो को अपने साथ मिलाकर तालीम दीजिए और ऐसी बातों में भावनात्मक न होके सोचना चाहिए।
तो भिड़े और माधवी भाभी क्या आज रात को सामूहिक चूदाई करते हैं?भिड़े चाचाजी,और दया की मां के सामने देख ने लगा तब दया बताती हैं कि ये लोग भी हमारे साथ सामिल होगे। उन लोगों को भी सब पता है।तो भिड़े और माधवी हा बोलते है।बाद में हम बच्चों को भी सामिल करेंगे। बरो बर है भिड़े? भिड़े हा बोल के माधवी के साथ अपने घर चला गया।घर पहुंच ते ही भिड़े माधवी को पूछता है कि अब हम क्या करें।माधवी उसे शांत करके बताती हैं की जब हम को पता नहीं चला तो दूसरे को कैसे पता चले गा?अगर दया भाभी को पता नहीं चलता तो हमे आज तक पता नहीं चलता।और बच्चो को तालीम देकर हमारे साथ रख ने की बात कही है जिससे बाहर का कोई आदमी हमारी बच्ची का गलत फायदा नहीं उठा सके।तो चिंता छोड़ कर रात का मजा लेने का सोचो।और हां अभी सोनू आए तो उसे अभी मत बताना।ये बोलने के बाद माधवी अपने घर काम निपटा रही थी और भिड़े अपना काम।
रात को दस बजे सब लोग अपने घर पर चले गए और गोकुलधाम में चहल पहल कम हो गई।तब दया टपु को सोनू को बुलाने के लिए बोलती हैं।सोनू के आने के बाद दया टपु और सोनू को एक रूम में बिठाती हैं और बोलती हैं की जब भी मैं बुलाऊ तभी मेरे पास आना।फिर वो ड्राइंग रूम में जाकर जेठालाल को भिड़े को फोन कर ने को बोलती हैं।जेठालाल भिड़े को फोन करके बुला लेता है।भिड़े और माधवी दोनो अपना घर बंध कर के आ जाते हैं।दया घर को बंध कर देती हैं।तो तीनों जोड़ियां,दया जेठालाल,भिड़े माधवी और चाचाजी और दया की मां सब लोग बेड रूम में चले जाते हैं।बेड रूम में जाते जेठालाल बोलता है की सबलोग अपने कपड़े उतार कर नंगे हो जाए।सब लोग कपड़े उतार कर नंगे हो गए,तब जेठालाल दया को बोलता हैं की तुम फोन करके दोनो को बुला लो और माधवी भाभी आप दरवाजे के पीछे जो स्विच बोर्ड हैं वहां से सब लाइट बंद करके अंधेरा कर दीजिए।और जब मैं बोलूं तब दरवाजा बंद कर के लाइट चालू करना।
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इतने में टपु और सोनू आ जाते हैं।रूम में अंधेरा देख कर वो दोनो आश्चर्य मे पड़ जाते हैं। तब माधवी बेड रूम का दरवाजा बंद कर के लाईट जला देती हैं। टपु और सोनू अपने मां बाप को नंगे देख कर चौंक जाते हैं और चाचाजी और नानी को भी नंगा देख कर मुंह से आह निकल जाति और सोनू बोलती हैं कि आप सब लोग नंगे?सब लोग हस्ते हैं और जेठालाल अपनी अदा से बोलता है कि हां सब लोग नंगे हैं।तुम लोग भी अपने कपड़े उतार कर हमारे साथ सामिल हो जाओ।तुम लोगों ने अपने मां बाप की चूदाई देख कर चूदाई की थी तो ,आज मां बाप के साथ मिलकर चूदाई करो और पहले सब के साथ मिलकर चूदाई का मजा उठाओ।तो टपु और सोनू नंगे हो गए।जेठालाल आगे बोलते हुए कहा की भिड़े आज की चूदाई की जोड़ियां बताने का जिम्मा ले सकता हूं?भिड़े हा बोल देता हैं।तो जेठालाल अपने मजाकिया अंदाज में पेश करने लगा की आज की पहली जोड़ी है सोनू और थोड़ी देर रुक के बताता है की भिड़े।सब लोग चौंक जाते हैं मगर सोनू अपने पापा से लिपट गई और उसको बाहों मे लेकर चुम्बन करने लगी।और थोड़ी देर बाद भिड़े को लिपट कर ही बोली थैंक यू जेठा अंकल।आपने मेरा सपना पूरा कर दिया।जेठालाल आगे बोला, दूसरी जोड़ी है दया और टपु की।ये सुनते ही टपु दौड़ कर दया के गले लग गया और उसे अपनी बांहों में भींच कर चुम्बन से नहलाने लगा।वो भी बोला पापा अपने मेरा भी सपना पूरा कर दिया।दया भी टपु को बाहों मे भर कर खड़ी रहती हैं। जेठालाल बोला की तीसरी जोड़ी बापूजी की और माधवी भाभी की और चौथी मेरी और सासु मां की।उसके बाद हम चूदाई का दूसरा चरण करेंगे जिसमे सोनू और मै, टपु और माधवी भाभी,भिड़े और सासुमा और बापूजी और दया। चूदाई इसी रूम में करेंगे,ठीक है न ये सब। सब लोग हां बोलते हैं और चूदाई के लिए तैयार हो गए।पहले भिड़े और सोनू ,उसके बाजू में दया और टपु, उसके साथ जेठालाल और सासु मां और अंत में चाचाजी और माधवी।
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भिड़े उठ कर बेड पर बैठ जाता हैं तो सोनू उससे लिपट गई,उसने भिड़े के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपना शरीर जोश से भिड़े के शरीर से भिड़ा कर चुम्बन करने लगी।उसने अपनी जीभ भिड़े के मुंह में डाल दी,उसकी छोटी छोटी चूंचियां भिड़े के सीने से दब गई।भिड़े ये सब से उत्तेजित हो गया और उसका लन्ड खड़ा होने लगा।उसने सोनू के शरीर पर हाथ फिराना शुरु किया और चूंची के पास ले जाकर धीरे मसल ना शुरू किया।सोनू उसके कान के पास मुंह ले जाकर बोलती हैं की बाबा जोर से मसलों,मजा नहीं आता। आई का तो आप कितना अच्छा मसलते हैं।ये सुनते ही भिड़े अपना हाथ सोनू की चूंची की निपल पर रख दो उंगलियों और अंगूठे से जोर से मसल ने लगा जिस से सोनू के मुंह से आह निकल गई और बोली बस ऐसे ही मसलों।फिर भिड़े अपना मुंह चूंची पर रख कर चूसने लगा और निप्पल काटने लगा तो सोनू बोल उठी बाबा।फिर भिड़े मुंह उठा कर उसके कान में गुनगुनाया की कैसा मजा आया।सोनू खिलखिलाकर हस ने लगी।
बाजू में दया और टपु चूदाई के लिए लगे हुए थे। टपु बोला,मम्मी देखो भिड़े अंकल सोनू को कैसे मजा करा रहे हैं। तो दया बोली तू भी मुझे मजा करा।फिर टपु जोश में आकर दया को सुला कर ऊपर बैठ गया और दोनो हाथों से दया की बड़ी बड़ी चूचियां दबाने और मसलने लगा।दया बोली ऐसे नहीं, चूंची मुंह में ले और निप्पल को दांत के नीचे ले कर धीरे से काट। टपु वैसा करता है और दया बोलती है साबास बेटा वैसे ही कर।और दया को भी मजा आने लगा।फिर टपु को कान में बोली अब तेरा हाथ मेरी चूत पर लेजा और उसे धीरे धीरे मसल।पास में देख,तेरे पापा नानी की चूत कैसे चाटते हैं।उसी तरह तु मेरे पर बैठ जा और मुंह चूत की ओर घुमा के उसे चूस। टपु ऐसा करता है तो दया उसका लन्ड पकड़ कर उसे थोड़ा पीछे आने को बोलती हैं और लन्ड मुंह में ले लेती हैं।और लन्ड की आगे की चमड़ी पीछे ले जाकर उसका सुपाड़े के आगे के भाग पर अपनी जीभ फिराती हैं इससे टपु को भरपूर सुख प्राप्त होता हैं। टपु चूत को ऊपर ऊपर से चाट रहा था तो दया बोली की बेटा ऐसे नहीं कर, तू चूत के होंठों को चौड़ा कर और अपनी जीभ अंदर घुसा और चूत की दिवालो को जीभ से चाट और घुमा घुमा के चाट। टपु ऐसा करने लगा तो दया को भी मजा आने लगा और वो बोल उठी शाबाश बेटा ऐसे ही करते रहो। बेटा और अब चूत के ऊपरी हिस्से में दाने जैसा होगा उसे मसल। टपु ऐसा करने लगा जिसे दया और उत्तेजित हो गई और अपनी चूत उठा कर टपु के मुंहपे दबाने लगी और टपु का सर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी।
जेठालाल सासु मां को सुला कर उस पर बैठ कर जैसे आटा गूंथ रहा हो वैसे सासु मां की बड़ी बड़ी चूचियां मसल ने लगा। और झुक कर चूंची मुंह में डाल कर चूस ने लगा।और दूसरे हाथ से निपल पकड़ के भींच ने लगा।और दया की मां के मुंह से आह निकल गई।फिर वो दया की मां के पैर के बीच बैठ गया और चूत पर मुंह रख कर चूसने लगा और चूत की दीवालो को कुरेद ने लगा जिस से सासु मां चूत उछाल के दामाद के मुंह पर भिड़ने लगी और हाथ से जेठालाल का सर पकड़ कर चूत पर दबा ने लगी और इतनी उम्र होने के बावजूद चूत पानी छोड़ ने लगी और झरते हुए जोर से चीख ने लगी और बड़ बड़ाने लगी की दामाद जी आपने मुझे सातवे आसमान पर पहुंचा दिया। जेठालाल उठ कर चूत साफ कर के चूत पर लन्ड रख कर लन्ड को चूत में जड़ तक घुसा दिया और लन्ड डाल कर पड़ा रहा और निपल को चूसते हुए काटने लगा और सासु मां को उत्तेजित करने लगा।
इधर चाचाजी और माधवी एकदुसरे से चूदाई में लग गए।चाचाजी माधवी को अपने शरीर से दबाया और दबी हुई चूंची का मजा लेने लगे।माधवी की भी निपल्स कड़क हो गई और तन गई।चाचाजी बोले की माधवी बेटा तेरी चूंचियां तो कड़क बड़े सेब जैसी है,दया की चूंचियां पके हुए आम जैसी है और समधनजी की तो छोटे छोटे नारियल जितनी बड़ी हैं।माधवी बोलती हैं की क्या चाचाजी आप भी। धत्त बोलते चाचाजी का लन्ड हाथ में लेकर मसलने लगी। चाचाजी ने माधवी चूंचियों पर हाथ रखा और दबाना शुरु कर दिया और बोले,शायद भिड़े तेरी चूंचियां ज्यादा दबाता नहीं।फिर वो माधवी को सुला देते हैं और माधवी भाभी की चूत में अंगुली डाल के अंदर बाहर करने लगे जिस से वो उत्तेजित हो गई और अपनी कमर हिला कर बड़ बड़ाने लगी।चाचाजी क्या कर दिया,तब दया बोली,माधवी भाभी बापूजी का लन्ड एक बार मुंह में लेकर कर उस का पानी निकाल दीजिए बाद में फिर से खड़ा कर के चूदवाओ बड़ा मज्जा आएगा।मगर माधवी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी और उसकी चूत गीली हो गई थी तो चाचाजी सोई हुई माधवी के पैरों के बीच आ गए और अपना लन्ड माधवी की चूत पर रख कर एक ही बार में लन्ड चूत में जड़ तक उतार दिया।थोड़ी देर वैसे ही माधवी पर पड़े रहे और चूंची को मुंह में लेकर बच्चे की तरह चूसने लगे।फिर धीरे धीरे लन्ड को अंदर बाहर करने लगे और चोदने लगे।थोड़ी ही देर में माधवी भी उनका साथ देने लगी और मुंह से किलकारी निकल गई।
भिड़े भी अपनी बेटी की नाजुकता देख कर उसके ऊपर चढ़ कर धीरे से लन्ड चूत में डाल ने लगा।सोनू की चूत ज्यादा गीली नही हुई थी इस लिए भिड़े धीरे चूत में लन्ड उतारने लगा।और धीरे धीरे लन्ड अन्दर बाहर करने लगा मगर सोनू बोलती हैं कि बाबा मुझे कुछ नहीं होगा,आप जैसे आई को चोद रहे थे ऐसे ही जोश में मुझे चोदीये।ये सुनते ही भिड़े लन्ड अन्दर बाहर करने की गति को बढ़ा देता हैं और सोनू की दया n रख के सोनू को धना धन चोदने लगा और चूत चौड़ी नहीं हुई थी इसी लिए लन्ड पर पकड़ ज्यादा थी और भिड़े को बहुत मज़ा आने लगा और वो सोनू के साथ ही झड़ गया।सोनू झड़ ते ही चिलाने लगी बाबा मेरी चूत में कुछ हो रहा हैं और मैं भी गैईई और उसने भी बहुत सारा पानी छोड़ दिया।उसकी चूत से वीर्य और पानी निकल ने लगा।साथ में सोए हुए दया और टपु भी जोर से चूदाई करने लगे। टपु बड़ बड़ाने लगा की मम्मी मेरे लन्ड में से कुछ निकल रहा हैं ओह मम्मी में तो सातवे आसमान में उड़ रहा हूं।तब दया बोलती हैं की हां बेटा तेरा लन्ड वीर्य की पिचकारियां छोड़ ने वाला है। दिका,तो अपने लन्ड की पिचकारियां मेरी प्यासी चूत में ही डाल और मेरी चूत की आग को ठंडी कर। टपु की कमर के ऊपर पांव ले जाकर टपु की कमर को अपनी ओर खींचने लगी और अपने में समाने का प्रयत्न करने लगी। दया भी झड़ गई।टपु भी दया ऊपर ढल गया और दया ने उसे जकड़ लिया और उसके मुंह को चूंची पर रख कर बाल में हाथ फिराने लगी। हाय मेरे बेटे ने मुझको चोद कर शांत कर दिया।साथ में जेठालाल भी दो बार झड़ी हुई सासु मां को एक बार और झाड़ देता हैं और खुद झड़ कर सासु मां पर ढल गया।सासुमा बड़ बड़ाने लगी की आज तो दामाद ने कितनी मेहनत की और इस बूढ़ी औरत की चूत में से तीन तीन बार पानी निकला।साथ में रहे बापूजी और माधवी भी झड़ कर शांत हो जाते हैं। सब जोड़ियां साथ में जा कर अपने अपने लन्ड,चूत और चूंचियों की सफाई करके बाहर आ गए।
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